योगासनों के नियमित अभ्यास की आदत शरीर के लिए कई प्रकार से लाभकारी हो सकती है, इसे मस्तिष्क और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कारगर तरीके के रूप में जाना जाता है। योग हार्मोन्स विकारों के जोखिम को कम करने, हड्डियों-मांसपेशियों को मजबूती देने और कई प्रकार के दर्द की समस्या को कम करने में आपके लिए लाभकारी हो सकते हैं। योग विशेषज्ञों ने पाया कि नियमित योग के अभ्यास की आदत बनाकर गठिया और साइटिका जैसे दर्द को कम करने में भी लाभ हो सकता है। तंत्रिकाओं में होने वाली दिक्कतों के कारण आपको दर्द महसूस होता रह सकता है।
साइटिका का दर्द आपके जीवन की गुणवत्ता को भी प्रभावित कर सकती है, ऐसे में इससे बचाव के उपाय करते रहना जरूरी हो जाता है। योग विशेषज्ञों ने पाया कि दिनचर्या में कुछ प्रकार के आसनों को शामिल करके साइटिका के दर्द को कम किया जा सकता है। इतना ही नहीं विशेषज्ञों का मानना है कि रोजाना योग का अभ्यास करने वाले लोगों में साइटिका की समस्या का जोखिम भी कम होता है।
इए जानते हैं कि किन योगासनों के अभ्यास की आदत बनाना साइटिका की समस्या से राहत दिलाने में आपके लिए लाभकारी हो सकती है?
ब्रिज पोज योग करने से मिलता है लाभ
ब्रिज पोज योग (सेतुबंधासन) के अभ्यास की आदत कमर दर्द और साइटिका की समस्या से राहत दिलाने में आपके लिए मददगार हो सकता है। कोर और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने के साथ पीठ की जकड़न को कम करने में भी इस योग के नियमित अभ्यास से लाभ पाया जा सकता है। साइटिका का दर्द कमर से होते हुए पैरों तक जाता है ऐसे में इस योग के अभ्यास की आदत कमर-पैरों दोनों के लिए विशेष लाभकारी हो सकती है।
विपरीत करणी अभ्यास से मिलता है फायदा
विपरीत करणी योग के अभ्यास को पैरों और शरीर के निचले हिस्से के लिए विशेष लाभकारी माना जाता है। विशेषज्ञ कहते हैं, यह योगासन साइटिका की समस्या को कम करने में भी आपके लिए लाभकारी हो सकता है। विपरीत करणी योग पैरों में रक्त के संचार को बढ़ावा देने और दर्द को कम करने में फायदेमंद माना जाता है। इस योग के अभ्यास से कूल्हों और पीठ को भी आराम मिलता है। घुटने और टखनों के दर्द को कम करने में भी इससे फायदा हो सकता है।
पवनमुक्तासन योग की बनाइए आदत
पवनमुक्तासन योग को पाचन स्वास्थ्य को बेहतर रखने और कब्ज की समस्या को कम करने में लाभकारी माना जाता है। विशेषज्ञों ने पाया कि इस योग के अभ्यास की आदत बनाना साइटिका के दर्द से भी आपको आराम दिला सकता है। यह योगाभ्यास आपकी पीठ और कूल्हे की मांसपेशियों को फ्लेक्स करने में मदद करने के साथ पीठ के निचले हिस्से में जकड़न को कम करता है. जिससे साइटिका के दर्द में काफी आराम मिल सकता है। इस योग के नियमित अभ्यास की आदत बनाने के कई प्रकार के लाभ हो सकते हैं।
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नोट: यह लेख योग विशेषज्ञों के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है। आसन की सही स्थिति के बारे में जानने के लिए किसी योगगुरु से संपर्क कर सकते हैं।
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