Chamunda Nandikeshwar Dham : नवरात्रि मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना का पर्व है। यह नौ दिवसीय पर्व है, जिसमें हर दिन नवदुर्गा की पूजा होती है। ऐसे में लोग घर पर पूजा करने के अलावा देवी के मंदिरों के दर्शन के लिए भी जाते हैं। भारत में कई प्राचीन और चमत्कारी दुर्गा मंदिर हैं। इन मंदिरों का बहुत महत्व है। नवरात्रि के मौके पर इन अद्भुत और चमत्कारी मंदिरों में भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर जाते हैं और मन्नत मांगते हैं। कहते हैं कि कई पवित्र मंदिरों में दर्शन और पूजा से उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि का समापन 31 मार्च को है। इस दिन रामनवमी है, साथ ही शुक्रवार। रामनवमी से वीकेंड शुरू हो रहे हैं। तीन दिन की छुट्टी है और अगर किसी प्रसिद्ध मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं तो इस वर्ष चामुंडा नंदिकेश्वर धाम के दर्शन करें। चामुंडा नंदिकेश्वर धाम हिमाचल प्रदेश में है। हिमाचल प्रदेश को देवों की भूमि कहा जाता है, जहां करीब 2000 से ज्यादा मंदिर हैं। पर्यटकों के लिए यहां के मंदिर आकर्षण का केंद्र हैं। नवरात्रि और राम नवमी की छुट्टी में आप हिमाचल प्रदेश में स्थित चामुण्डा देवी मंदिर के दर्शन के लिए जा रहें हैं तो यहां जरूरी जानकारी दी जा रही है।
कांगड़ा में स्थित चामुंडा नंदिकेश्वर धाम
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में चामुंडा नंदिकेश्वर मंदिर स्थित है। यह मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता है कि इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की सभी मनोकामना पूरी होती है। इस मंदिर से शिव जी चामुण्डा देवी के साथ विराजमान हैं। इसी कारण चामुण्डा देवी मंदिर को चामुण्डा नंदिकेश्वर धाम के नाम से जाना जाता है।
चामुंडा देवी मंदिर से जुड़ी कथा
कहते हैं कि इसी स्थान पर देवी दुर्गा से राक्षस चंड-मुंड युद्ध करने आए थे। माता दुर्गा ने काली का रूप धारण करके राक्षसों का वध कर दिया था। हालांकि तब भी माता का क्रोध शांत न हुआ। इस पर भक्तों ने भगवान भोलेनाथ का आह्वान किया। शिव जी मां चामुण्डा को शांत करने के लिए बच्चे के रूप में माता के सामने आ गए। माता ने क्रोध में उनपर विशाल पत्थर बरसाए, जो आज भी वहां मौजूद हैं। माता को जब पता चला कि बच्चे के रूप में भोलेनाथ हैं, तो उन्होंने शिवजी से क्षमा मांगी। तब से इस स्थान पर माता चामुण्डा के साथ भोलेनाथ भी विराजमान हैं।
मंदिर है बहुत सुंदर
चामुंडा देवी मंदिर काफी बड़ा है। इसके पहले तल पर मां की भव्य प्रतिमा स्थापित है। वहीं मुख्य मंदिर के पीछे एक गुफा है, जहां भगवान शिव का मंदिर है। इस मंदिर में एक बार में एक ही भक्त प्रवेश कर सकता है। इसके अलावा मंदिर प्रांगण के आसपास छोटे-बड़े मंदिर हैं, जहां अलग अलग देवी देवताओं की पूजा होती है।
कैसे पहुंचे चामुण्डा देवी मंदिर
मंदिर परिसर में बहुत सुंदर सरोवर है, जहां गंगा का स्वच्छ जल आता है। इस सरोवर में स्नान करना वर्जित है। इस सरोवर का जल पूजा-अर्चना के काम में ही उपयोग किया जाता है। दिल्ली से कांगड़ा के लिए नियमित बस चलती हैं। ट्रेन से भी हिमाचल धर्मशाला तक पहुंच सकते हैं। कांगड़ा या धर्मशाला से आप चामुंडा देवी मंदिर तक आसानी से टैक्सी से पहुंच सकते हैं।