UNICEF Parenting Tips: मानसिक स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं। बच्चे तनावग्रस्त रहते हैं और माता पिता के सामने इस बात को जाहिर नहीं कर पाते।बाल मन बहुत आसानी से अपनी आसपास की गतिविधियों से प्रभावित हो जाता है। बच्चों पर परिवार, आसपास के लोगों, स्कूल में सहपाठियों, फिल्मों और सोशल मीडिया का गहरा प्रभाव पड़ता है। बच्चे के विचार विकसित होने में समाज एक अहम भूमिका में होता है। वहीं माता पिता बच्चों की जरूरते पूरी करने व उनकी शिक्षा पर तो ध्यान देते हैं लेकिन अक्सर बच्चे की गतिविधियों को नजरअंदाज कर देते हैं। इससे उन्हें पता ही नहीं चलता कि बच्चे को किसी तरह की कोई समस्या है। कोविड काल में बच्चों की मनोस्थिति पर असर देखा गया। पिछले सालों में कई मामले सामने आए, जिसमें बच्चे छोटी छोटी बातों पर दूसरों या खुद को चोट पहुंचाने लगते हैं। लखनऊ में पब्जी को लेकर एक बच्चे ने अपनी ही मां की हत्या कर दी और शव घर में छुपाए रखा। बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए यूनिसेफ कई कार्यक्रम चला रहा है। आपको भी बच्चे के भविष्य और सेहत की चिंता है तो ये जानने का प्रयास करें कि क्या आपका बच्चा किसी तनाव में है। बच्चे के बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए अभिभावकों को इन बातों पर ध्यान देना चाहिए।
बच्चे को भावना व्यक्त करने के लिए प्रेरित करें
अभिभावकों को पता होना चाहिए कि उनके बच्चे की मनोदशा कैसी है। वह क्या सोचता है, उनके विचार या उनकी भावना का समझने के लिए जरूरी है कि बच्चा माता पिता से अपनी बातों को अभिव्यक्त करना जानता हो। अचानक से आप उनके किसी बर्ताव विशेष के बारे में पूछेंगे तो बच्चा आपसे सच बोलने में झिझकेगा। इसलिए प्रतिदिन उसे कुछ वक्त दें। बच्चा के दिन कैसा गया, दिनभर क्या किया, आदि सवाल उनसे पूछें। इससे वह अपनी बात व्यक्त करना सीखेंगे।
गतिविधि पर नजर रखें
बच्चा किस तरह के कामों में रूचि रखता है, उसकी पसंद और नापसंद का ध्यान रखें। वहीं अगर बच्चे की गतिविधियों में बदलाव या उनके व्यवहार में कुछ अलग महसूस करें तो बच्चे से इस बारे में बात करें। यह जानने का प्रयास करें कि उनके बर्ताव में बदलाव की क्या वजह है। अक्सर जब बच्चे किसी परेशानी या दबाव में होते हैं, तो उन कामों में रूचि नहीं लेते, जो उन्हें पसंद होती है। वहीं चिढ़चिढ़ापन, गुस्सा होना, गुमसुम हो जाना आदि लक्षण नजर आने लगते हैं।
बच्चे को समय दें
बच्चे के व्यवहार पर या उनके कोई दिक्कत है, इस पर आप तब ध्यान दे पाएंगे जब आप उन्हें प्रतिदिन अपना कुछ वक्त देंगे। अधिकतर माता पिता दिनभर के कामकाज में व्यस्तता के चलते पर बच्चे के उतना ध्यान नहीं देते, जितना उन्हें देना चाहिए।बच्चा अक्सर माता पिता की तवज्जो पाने के लिए भी ऐसे कार्य कर देता है, जो गलत होते हैं।
अपनी भावना व्यक्त करें
महज बच्चे से सवाल-जवाब करने से उनकी मनोस्थिति को समझना आसान नहीं। हो सकता कि बच्चा किसी बात को लेकर डरा हो, उसने कोई गलती कर दी हो, और आपसे कहने में वह झिझक रहा हो। अभिभावक को चाहिए कि वह बच्चे को भरोसा दिलाएं कि वह उनके साथ हैं। आप क्या महसूस करते हैं, ये उन्हें बताएं और उन्हें भी प्रेरित करें।