गांधी जी मात्र 19 वर्ष की कम उम्र में ही लॉ की पढ़ाई करने लंदन चले गए थे। वहां जाकर उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की और लॉ की डिग्री प्राप्त की। बैरिस्टर बनने के बाद जब वे देश वापस लौटे तो उन्होंने यहां की स्थिति देखी। देश की ऐसी स्थिति देखकर गांधी जी ने अपने बैरिस्टर बनने के सपने को छोड़कर देश की सेवा करने को ज्यादा महत्वपूर्ण समझा और अपनी पूरा जीवन देश को अंग्रेजों से आजादी देने में लगा दिया। गांधी जी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे। उन्होंने नें अपने जीवनकाल में देश के हित को ध्यान में रखते हुए कई आंदोलन किए। उन्होंने देश में हर जाति-धर्म के लोगों को एकजुट किया। उन्होंनें लोगों में भाई चारे की भावना जगाई। उनकी देश भक्ति और पूरा जीवन समस्त भारतवासियों के लिए प्रेरणास्त्रोत है।