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XBB.1.16: बढ़ते संक्रमण का कारण है यह नया वैरिएंट, जानिए अब तक के वैरिएंट्स से यह कितना अलग और खतरनाक

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Fri, 24 Mar 2023 02:23 PM IST
xbb 1.16 severity and transmissibility details in hindi, omicron variant immune escape nature
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वैश्विक स्तर पर कोरोना के संक्रमण को तीन साल से अधिक का समय बीत चुका है, इस दौरान कोरोना के मूल वायरस में कई तरह के म्यूटेशन देखे गए। अब तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि डेल्टा वैरिएंट जहां सबसे गंभीर रोगकारक था, वहीं ओमिक्रॉन की संक्रामकता दर काफी अधिक रिपोर्ट की जा रही है।

फिलहाल देश में एक बार फिर से बढ़ रहे संक्रमण के मामलों के लिए ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट XBB.1.16 को जिम्मेदार पाया गया है। प्रारंभिक अध्ययनों से पता चलता है कि इस वैरिएंट की संक्रामकता दर काफी अधिक है, यह लोगों में आसानी से संक्रमण का कारण बन रहा है।

कोरोना के इस नए वैरिएंट के कारण पांच महीने में पहली बार देश में बढ़े दैनिक संक्रमण के केस 1250 के आंकड़े से ऊपर पहुंचे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को अलर्ट करते हुए कोरोना से बचाव के लिए पर्याप्त उपाय करते रहने की सलाह दी है। आइए जानते हैं कि यह नया वैरिएंट, ओमिक्रॉन के अब तक के अन्य वैरिएंट्स से कितना अलग है और इससे किस प्रकार का खतरा हो सकता है?
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जनवरी-मार्च तक बढ़ते आंकड़े

देश में बढ़ते संक्रमण के मामलों के लिए जिम्मेदार माने जा रहे ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट XBB.1.16 की पहली बार जनवरी 2023 में पहचान की गई थी। फरवरी में इसके कुल 59 सैंपल पाए गए थे। मार्च में इसके संक्रमण की रफ्तार तेज हुई है। इस सप्ताह के आंकड़े बताते हैं कि पिछले तीन दिनों से देश में रोजाना संक्रमितों के मामले 1000 से ऊपर बने हुए हैं जो गुरुवार को 140 दिनों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 1249 हो गया है।

जिस तेजी से यह नया वैरिएंट बढ़ रहा है, इसने विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है।
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इम्युनिटी को चकमा देने वाला एक और वैरिएंट

विशेषज्ञ बताते हैं कि SARS CoV2 के वैरिएंट्स, मुख्य रूप से ओमिक्रॉन और इसके सब-वैरिएंट प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा देने में सफल हो रहे हैं। ओमिक्रॉन वैरिएंट का पहली बार साल 2021 के अंत में पता चला था, तब से इसके सामने आए तमाम सब-वैरिएंट्स की संक्रामता दर और इम्युनिटी को चकमा देने वाली क्षमता वैज्ञानिकों के लिए चिंता का कारण रही है।

यह नया वैरिएंट मुख्यरूप से भारत में अधिक संक्रमण फैलाता दिख रहा है, पर इसके जीनोम दुनिया भर में कम से कम 14 अन्य देशों में भी पाए गए हैं, जिनमें से कई भारत से अंतरराष्ट्रीय यात्रा से संबंधित हैं।
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XBB.1.5 से कितना अलग है यह नया वैरिएंट

अगस्त 2022 से लेकर इस साल की शुरुआत तक देश में कोरोना संक्रमण के मामलों को लिए ओमिक्रॉन के XBB.1.5 सब-वैरिएंट को कारण माना जा रहा था, हालांकि अब XBB.1.16 नए खतरे के रूप में उभर रहा है। पिछले वैरिएंट की तुलना में देखें तो  XBB.1.16  में एक नया म्यूटेशन (T478K) देखा गया है जो इसे बेहतर इम्यून एस्केप प्रदान करता है। जिसका मतलब है कि ओमिक्रॉन के अन्य वैरिएंट्स की तुलना में यह शरीर में प्राकृतिक संक्रमण या वैक्सीनेशन से बनी प्रतिरक्षा प्रणाली को आसानी से चकमा देने में सफल हो रही है। 
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क्या कहते हैं अध्ययन के रिपोर्ट?

अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि XBB.1.16 के प्रारंभिक आंकड़ों से पता चलता है कि अन्य ओमिक्रॉन वैरिएंट्स और इसमें कोई बहुत खास भिन्नता तो नहीं है, लेकिन इसकी संक्रामकता और इम्यून एस्केप निश्चित ही अन्य वैरिएंट्स से अधिक है। ऐसे में जोखिम उन लोगों के लिए भी बना हुआ है जिनको वैक्सीन की दोनों डोज मिल चुकी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के जोखिमों को देखते हुए सभी लोगों को निरंतर बचाव के उपाय करते रहने की आवश्यकता है। 



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नोट:
यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
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