बीते शनिवार को लखनऊ में शादी का जश्न, मातम में बदल गया। शादी के एक कार्यक्रम के दौरान अचानक दुल्हन स्टेज पर गिर पड़ी, जहां उसकी मौत हो गई। प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि दुल्हन को कार्डियक अरेस्ट हुआ था, वह पिछले कुछ दिनों से बीमार भी चल रही थी। हाल के कुछ महीनों में शादियों-पार्टियों के दौरान हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामले और इससे मौत का जोखिम काफी तेजी से बढ़ता देखा गया है।
इसी तरह से सोशल मीडिय पर वायरल एक अन्य वीडियो में डांस करते-करते 40 वर्षीय एक व्यक्ति भी अचानक से गिर गया जहां उसकी मृत्यु हो गई। इस तरह के जोखिमों को लेकर डॉक्टर्स ने लोगों को अलर्ट किया है।
हृदय रोग विशेषज्ञ कहते हैं, पिछले कुछ समय से उत्सवों के दौरान हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट से संबंधित जोखिम बढ़े हुए देखे जा रहे हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं, इसके लिए कोरोना महामारी के दुष्प्रभावों को भी एक जोखिम कारक मानकर देखा जा रहा है। कोरोना ने हृदय की सेहत को कई स्तर पर गंभीर रूप से प्रभावित किया है, जिससे इससे संबंधित बीमारियों का जोखिम पहले की तुलना में काफी बढ़ गया है। ज्यादातर लोग तो ऐसे हैं जिनको पहले से पता ही नहीं होता है कि उन्हें हृदय की समस्या है। आइए जानते हैं कि इस तरह से बढ़ती समस्याओं के क्या कारण हो सकते हैं और इससे बचाव के लिए क्या किया जाना चाहिए?
तेज आवाज का हृदय पर हो रहा है असर
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ अनवर.एम खान कहते हैं डीजे की तेज आवाज (जिससे हृदय पर दबाव बढ़ता हो) को इस तरह से बढ़ते मामलों के लिए काफी जिम्मेदार पाया जा रहा है। तेज आवाज के कारण सिंपैथिक नर्वस सिस्टम को क्षति पहुंचाती देखी जा रही है, जिससे लोगों में हृदय गति बढ़ने का खतरा हो सकता है। यह स्थिति हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट जैसे गंभीर और जानलेवा स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ाने वाली हो सकती है। इसके अलावा कोरोना संक्रमण के कारण हृदय की सेहत पर नकारात्मक असर देखा जा रहा है, जिससे हृदय की क्षमता कमजोर हो गई है।
कोरोना ने बढ़ा दी है हृदय की समस्याएं
अध्ययनों में पाया गया है कि महामारी ने भी कई स्तर पर हृदय की समस्याओं को बढ़ा दिया है। शोधकर्ताओं ने पाया कि कोरोनावायरस का संक्रमण नसों और धमनियों की आंतरिक सतहों को भी प्रभावित करता है, जिससे रक्त वाहिका में सूजन हो सकती है। यह छोटी वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाने के साथ रक्त के थक्कों को बढ़ाने वाली स्थिति भी मानी जाती है, जिसके कारण भी हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ रहा है। जिन लोगों को संक्रमण रह चुका है, उनमें जोखिम अधिक देखे जा रहे हैं। लॉन्ग कोविड के खतरों में हृदय रोग को मामलों को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को अलर्ट करते रहे हैं।
हार्ट अटैक की स्थिति में प्रारंभिक देखभाल जरूरी
डॉ अनवर कहते हैं, अगर समय पर रोगी को समुचित देखभाल मिल जाए तो हार्ट अटैक के बाद भी उसकी जान बचाई जा सकती है। सडेन हार्ट अटैक के मामलों में यदि कार्डियो पल्मोनरी रिस्यूसिटेशन (सीपीआर) दे दिया जाए तो ऐसे लोगों की जान बचाई जा सकती है। सीपीआर में दोनों हाथों से रोगी की छाती को दबाने उसे सांस लेने में मदद मिलती है। रोगी की सांस की जांच करें और सीपीआर की मदद से उसे सांस दिलाएं, ऐसा करके जान बचाई जा सकती है। इस बारे में सभी लोगों को जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
हृदय की सेहत का ख्याल रखना सभी के लिए जरूरी
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं जिस तरह से तेज से हृदय से संबंधित जानलेवा स्थितियों के मामले बढ़े हैं इससे बचाव के लिए सभी लोगों को विशेष सावधानी बरतते रहना चाहिए। यदि आप हाल में संक्रमण का शिकार रह चुके हैं तो एहतियातन डॉक्टर से संपर्क करके हृदय की जांच करा लें। इसके अलावा जोखिमों से बचाव के लिए उत्सवों में तेज आवाज वाले साउंड्स से दूर रहें, इससे हृदय गति बढ़ने का खतरा हो सकता है। स्वस्थ लोगों को भी हृदय की जांच करानी चाहिए साथ ही इसको स्वस्थ रखने वाले उपाय करते रहना बहुत आवश्यक है।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है।
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