देश में इन दिनों कोविड-19 और H3N2 इंफ्लुएंजा दोनों के संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इंफ्लुएंजा या फ्लू को आमतौर पर हल्के लक्षणों वाले संक्रमण के तौर पर देखा जाता रहा है, पर इस बार इसके H3N2 वैरिएंट के कारण लोगों में गंभीर रोग का खतरा भी विकसित होते हुए देखा गया है। इसके साथ कोरोना का XBB.1.16 सब-वैरिएंट अधिक संक्रामकता और इम्यून स्केप क्षमता वाला है जिसके कारण संक्रमण का खतरा उन लोगों में भी बना हुआ है जिनका वैक्सीनेशन हो चुका है। चूंकि दोनों संक्रमण के लक्षण लगभग एक जैसे हैं इस वजह से लोगों के लिए इनमें
आसानी से अंतर कर पाना भी कठिन हो रहा है।
कोविड-19 और फ्लू के मामलों की जांच के लिए अलग-अलग टेस्ट की आवश्यकता होती है, इस बीच शोधकर्ताओं ने एक ऐसे सेंसर के बारे में बताया है जो कोविड-19 और फ्लू दोनों की पुष्टि कर सकता है। दावा किया जा रहा है कि जांच की प्रक्रिया में सिर्फ 10 सेकेंड्स का वक्त लगता है। आइए इस बारे में जानते हैं।
सेंसर बेस्ड है जांच की यह तकनीक
वैज्ञानिकों ने बताया कि सिंगल-एटम-थिक नैनोमैटरियल से बने इस सेंसर के माध्यम से दोनों ही वायरस की उपस्थिति का पता लगाया जा सकता है। परंपरागत जांच की प्रक्रियाओं की तुलना में इससे कहीं अधिक तेजी से परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। इस सेंसर बेस्ड शोध के परिणाम को अमेरिकन केमिकल सोसाइटी (ACS) के बैठक में पेश किया जाना है।
शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि इस शोध को वैश्विक मान्यता मिलेगी जिसके माध्यम से इन दोनों प्रकार के संक्रमण का पता लगाना काफी आसान हो सकता है।
फ्लू और कोविड-19 दोनों का चल सकेगा पता
इस शोध के बारे में बताते हुए डॉ डेजी अकिनवांडे, जोकि बैठक में इस सेंसर को पेश करने वाले हैं, वह कहते हैं कि फ्लू और कोविड-19 दोनों के लक्षण काफी हद तक ओवरलैप होते हैं। जिससे उनके बीच अंतर करना मुश्किल हो जाता है। जबकि ये दोनों वायरस एक साथ काफी तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में यह सेंसर बेहद उपयोगी होगा जो एक साथ यह पता लगा सकता है कि आपको कोविड-19 है फ्लू, या फिर इनमें से कोई नहीं है या दोनों हैं।
संक्रमण की हल्की स्थिति का पता लगाने में भी कारगर
शोधकर्ताओं का कहना है कि इस सेंसर को मंजूरी मिलने के बाद इन दोनों संक्रमण का पता लगाने के लिए अलग-अलग जांच की जरूरत नहीं होगी। डॉ डेजी की प्रयोगशाला में इस शोध को लेकर काम करने वाले डॉ दिमित्री किरीव कहते हैं, कोविड-19 और फ्लू की जांच के लिए इस सेंसर के हेक्सागोनल पैटर्न में व्यवस्थित कार्बन परमाणुओं की एक परत (ग्राफीन) का इस्तेमाल किया गया है।
ये अल्ट्रा-थिन नैनोमैटिरियल्स आमतौर पर एकल परमाणुओं का पता लगाने के लिए सबसे अच्छी संवेदनशीलता वाले हैं, जो किसी भी चीज की बहुत कम मात्रा होने का भी पता लगाने की क्षमता रखते हैं, चाहे वह बैक्टीरिया हो या वायरस।
शोधकर्ताओं ने उम्मीद जताई है कि बैठक में इस सेंसर को मंजूरी मिल जाएगी जिसकी मदद से आसानी से इन दोनों वायरस की पुष्टि की जा सकेगी। इस सेंसर की खास बात यह है कि परिणाम मात्र 10 सेकेंड में ही मिल जाएंगे।
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स्रोत और संदर्भ
New nanomaterials-based sensor detects flu and COVID-19 in just 10 seconds
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