सोशल मीडिया ने हमें एक दूसरे से जुड़ने और अपने विचारों की अभिव्यक्ति में विशेष मदद की है। अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने के लिए भी पिछले कुछ वर्षों में यह एक बड़ा और खुला प्लेटफॉर्म बनकर उभरा है, हालांकि जहां कुछ अच्छाइयां हैं वहां इससे जुड़े कुछ नकारात्मक पहलुओं पर भी गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है।
सुरक्षित और बेहतर इंटरनेट प्रदान करने के उद्देश्य से हर साल फरवरी में दूसरे सप्ताह के दूसरे दिन को सुरक्षित इंटरनेट दिवस के रूप में मनाया जाता है, इस बार यह 7 फरवरी को मनाया जा रहा है। सेफ इंटरनेट डे का उद्देश्य लोगों के लिए सुरक्षित इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध कराना है।
चूंकि बात सुरक्षित इंटरनेट की हो रही है, ऐसे में साइबरबुलिंग एक गंभीर विषय है, जिसके बारे में चर्चा करना आवश्यक है। साइबरबुलिंग असल में डिजिटल तकनीकों के उपयोग से लोगों को डराने-धमकाने को संदर्भित करता है। क्या आप जानते हैं कि इसका लोगों की मनोदशा और मानसिक स्थिति पर बुरा असर हो सकता है?
यूनाइटेड नेशंस इंटरनेशनल चिल्ड्रन इमरजेंसी फंड (यूनीसेफ) बच्चों-युवाओं की मानसिक सेहत पर असुरक्षित इंटरनेट और ऑनलाइन बुलिंग जैसी समस्याओं के हो रहे दुष्प्रभावों को लेकर अलर्ट करता है। यूनिसेफ इंडिया और अमर उजाला फाउंडेशन की भागीदारी के तहत इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि साइबरबुलिंग क्या है?
सुरक्षित और बेहतर इंटरनेट प्रदान करने के उद्देश्य से हर साल फरवरी में दूसरे सप्ताह के दूसरे दिन को सुरक्षित इंटरनेट दिवस के रूप में मनाया जाता है, इस बार यह 7 फरवरी को मनाया जा रहा है। सेफ इंटरनेट डे का उद्देश्य लोगों के लिए सुरक्षित इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध कराना है।
चूंकि बात सुरक्षित इंटरनेट की हो रही है, ऐसे में साइबरबुलिंग एक गंभीर विषय है, जिसके बारे में चर्चा करना आवश्यक है। साइबरबुलिंग असल में डिजिटल तकनीकों के उपयोग से लोगों को डराने-धमकाने को संदर्भित करता है। क्या आप जानते हैं कि इसका लोगों की मनोदशा और मानसिक स्थिति पर बुरा असर हो सकता है?
यूनाइटेड नेशंस इंटरनेशनल चिल्ड्रन इमरजेंसी फंड (यूनीसेफ) बच्चों-युवाओं की मानसिक सेहत पर असुरक्षित इंटरनेट और ऑनलाइन बुलिंग जैसी समस्याओं के हो रहे दुष्प्रभावों को लेकर अलर्ट करता है। यूनिसेफ इंडिया और अमर उजाला फाउंडेशन की भागीदारी के तहत इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि साइबरबुलिंग क्या है?