प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में मस्कुलर डिस्ट्रॉफी नामक आनुवांशिक बीमारी की चर्चा की। कार्यक्रम में उन्होंने हिमाचल प्रदेश के मानव मंदिर नामक स्वास्थ्य क्लिनिक के प्रयासों की सराहना भी की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, चिकित्सा विज्ञान की दुनिया ने अनुसंधान और नवाचार के साथ-साथ अत्याधुनिक तकनीक और उपकरणों की मदद से बहुत प्रगति की है। लेकिन कुछ बीमारियां आज भी हमारे लिए बड़ी चुनौती बनी हुई हैं। ऐसी ही एक बीमारी है - मस्कुलर डिस्ट्रॉफी।
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, एक अनुवांशिक बीमारी है जो किसी भी उम्र में हो सकती है, जिसमें शरीर की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं। इस स्थिति में रोगी के लिए जीवन के सामान्य कामकाज करना कठिन हो जाता है। मस्कुलर डिस्ट्रॉफी का फिलहाल कोई इलाज नहीं है, लेकिन दवाएं और अन्य उपचार माध्यमों से लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
आइए इस स्वास्थ्य स्थिति के बारे में आगे विस्तार से जानते हैं।
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के बारे में जानिए
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी मुख्यरूप से मांसपेशियों की कमजोरी है। मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के प्रकार के आधार पर विशिष्ट संकेत और लक्षण अलग-अलग उम्र और अलग-अलग मांसपेशी समूहों में शुरू होते हैं। मस्कुलर डिस्ट्रॉफी कई तरह की होती है, सबसे आम किस्म के लक्षण बचपन में शुरू होते हैं। वयस्कता तक इसके लक्षणों के गंभीर होने का खतरा हो सकता है। मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के कारण, बार-बार गिरने, लेटने या बैठने के बाद उठने में कठिनाई, डगमगाती चाल, मांसपेशियों में दर्द आदि की समस्या हो सकती है।
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी क्यों होती है?
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी की समस्या के लिए कुछ जीन को प्रमुख कारण माना जाता है, ये मांसपेशियों के तंतुओं की रक्षा करते हैं। इनमें से किसी जीन में होने वाले दोष के कारण मस्कुलर डिस्ट्रॉफी का जोखिम हो सकता है। कुछ और स्थितियां मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के खतरे को बढ़ाने वाली हो सकती हैं- जिन लोगों के परिवार में किसी को पहले से ही यह समस्या रही है उनमें समय के साथ इसके विकसित होने का खतरा हो सकता है।
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी को कैसे ठीक किया जाता है?
मरीजों में लक्षण दिखने पर जेनेटिक टेस्ट, एंजाइम टेस्ट और मसल बायोप्सी की मदद की स्थिता का सही निदान किया जा सकता है। मस्कुलर डिस्ट्रॉफी का पता चलने पर सहायक उपचार के माध्यमों से रोग के लक्षण और इसकी गंभीरता को कम करने में मदद मिल सकती है। कुछ रोगियों को फेफड़े और हृदय विशेषज्ञों से इलाज की आवश्यकता हो सकती है। दवाइयों और थेरपी के माध्यम से स्थिति को नियंत्रित करके इसके गंभीर जोखिमों से बचाव किया जा सकता है।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है।
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