हर साल 13 जून को इंटरनेशनल एल्बिनिज्म अवेयरनेस डे मनाया जाता है। इसे मनाने का मकसद धवलता रोग के प्रति जागरुकता फैलाना और इस रोग से ग्रसित लोगों के साथ होने वाले भेदभाव को रोकना है। इंटरनेशनल एल्बिनिज्म अवेयरनेस डे को साल 2015 से मनाया जा रहा है। इसे मनाने के पीछे साफ संकल्प है कि हम दुनियाभर में धवलता रोग से पीड़ित लोगों के हक में खड़े हों।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 18 दिसंबर 2014 को इस दिवस को मनाने के संकल्प की घोषणा की। इसके बाद साल 2015 से दुनियाभर में इस दिवस को मनाया जाने लगा। एल्बिनिज्म अवेयरनेस डे मनाने का मकसद इस रोग से ग्रसित लोगों के साथ होने वाले सामाजिक भेदभाव को रोकना है। दरअसल, हमारी त्वचा में मौजूद मेलानिन हमारे त्वचा के रंग को निर्धारित करता है। इस रोग के होने की वजह भी मेलानिन में गड़बड़ी है।
एल्बिनिज्म एक आनुवांशिक बीमारी है। इसमें त्वचा का रंग पूरी तरह से सफेद हो जाता है। यह बीमारी मेलानिन हार्मोन में गड़बड़ी की वजह से होती है। इस बीमारी में धीरे-धीरे हमारी त्वचा का रंग बदलकर सफेद हो जाता है। इसे सफेद दाग वाली बीमारी भी कहते हैं। समाज में सफेद दाग-धब्बों वाले लोगों को हिकारत से देखा जाता है। इसी सोच को बदलने के लिए हर साल इस दिवस को मनाया जाता है और इस बीमारी के प्रति जागरुकता फैलाई जाती है।
धवलता रोग की वजह से कई बार आंखों की रोशनी भी चली जाती है। इससे त्वचा के कैंसर का भी खतरा रहता है। इस रोग से पीड़ित लोगों को हिकारत की दृष्टि से न देखें और उनके साथ भेदभाव न हो इसलिए इस दिवस को मनाया जाता है। इस बार इस दिवस की थीम स्टिल स्टेंडिंग स्ट्रॉन्ग है।