देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में एक बार फिर से उछाल देखा जा रहा है। पिछले 24 घंटे के आंकड़े चिंता बढ़ाने वाले हैं। गुरुवार को 1,249 नए संक्रमितों की पुष्टि की गई है, इसके साथ ही देश में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या भी अब बढ़कर 8 हजार के करीब पहुंच गई है।
पिछले करीब 5 महीने में पहली बार गुरुवार को संक्रमण के इतने अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। कर्नाटक और गुजरात से एक-एक संक्रमित के मौत की भी खबर है। एक समय जब ऐसा लगने लगा था कि कोरोना के मामले थम गए हैं, इस बीच फिर से दैनिक संक्रमण के बढ़ते आंकड़े परेशान करने वाले हैं।
कोरोना की पॉजिटिविटी रेट में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। दैनिक सकारात्मकता दर फिलहाल 1.46 प्रतिशत जबकि साप्ताहिक सकारात्मकता दर 1.08 प्रतिशत के करीब है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए नए XBB.1.16 वैरिएंट को प्रमुख कारण मान रहे हैं। यह वैरिएंट अधिक संक्रामकता और कुछ मामलों में गंभीर रोग का कारण भी बन रहा है। आइए इसके बारे में समझते हैं।
140 दिनों का टूटा रिकॉर्ड
देश के अलग-अलग राज्यों से मिल रही संक्रमण की खबरों पर नजर डालें तो पता चलता है कि पिछले एक हफ्ते से डेली कोविड मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इस साल पहली बार उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक दिन में आठ लोगों को संक्रमण का शिकार पाया गया है। वहीं राष्ट्रीय स्तर पर देखें तो 140 दिनों में पहली बार है जब एक दिन में 1250 से अधिक कोरोना के मामले दर्ज किए गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा को लेकर देश में बढ़ रही चिंता को मद्देनजर रखते हुए तैयारियों की समीक्षा भी की है।
यहां कोरोना के उस वैरिएंट के बारे में जानना जरूरी है जो संक्रमण बढ़ने का कारण माना जा रहा है।
XBB.1.16 वैरिएंट ने बढ़ाई चिंता
रिपोर्ट्स के मुताबिक संक्रमण के बढ़ते मामलों के लिए ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट XBB.1.16 को कारण माना जा रहा है, फिलहाल इसे 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' के रूप में वर्गीकृत किया गया है। प्रारंभिक अध्ययनों में इसके संक्रमण की दर, ओमिक्रॉन के अन्य सब-वैरिएंट्स की तुलना में अधिक बताई जा रही है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही इस वैरिएंट के कारण संक्रमण के मामले बढ़े हैं, पर इससे ज्यादा चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। यह वैरिएंट फिलहाल गंभीर रोग या मृत्यु का खतरा बढ़ाता नहीं दिख रहा है।
क्या कहते हैं डॉक्टर?
कोरोना के बढ़ते मामलों को समझने के लिए अमर उजाला ने ग्रेटर नोएडा स्थित एक अस्पताल में कोविड केयर एक्सपर्ट डॉ नरोत्तम सिंह से बातचीत की। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, टेस्टिंग में संक्रमितों के बढ़ते मामले चिंताकारक जरूर हैं, पर हमारा देश कोरोना के किसी भी जोखिम से काफी हद तक सुरक्षित है। वैक्सीनेशन से मिली सुरक्षा के कारण गंभीर रोगों का खतरा नहीं है, हालांकि जिन लोगों को कोमोरबिडिटी है, उनमें संक्रमण की स्थिति में रोग की गंभीरता का खतरा हो सकता है।
फिलहाल अस्पताल में कोरोना के ज्यादा मरीज नहीं हैं, जिसका मतलब है कि जो लोग संक्रमित हो भी रहे हैं वो आसानी से घर पर रहकर ही ठीक हो जाते हैं।
आदत में शामिल करने होंगे सुरक्षात्मक उपाय
डॉ नरोत्तम कहते हैं, जिस तरह से हर 4-5 महीने में कोविड के मामलों में अचानक बढ़ोतरी देखी जाती रही है, यह संकेत है कि कोरोना वायरस खत्म नहीं हुआ है। खतरा चूंकि हमेशा हमारे आसपास है, इसे ध्यान में रखते हुए कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर को आदत में शामिल करना सभी के लिए आवश्यक है, भले ही आपको कोरोना की बूस्टर डोज भी लग चुकी है। सुरक्षात्मक उपाय ही संक्रमण के मामलों में बार-बार हो रहे उछाल को कम करने में मदद करेंगे।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है।
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