लाइफस्टाइल में गड़बड़ी को अध्ययनों में कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के कारक के तौर पर बताया गया है। यह मोटापे जैसी स्वास्थ्य समस्या का कारण बनती है जिसे वैज्ञानिकों ने हेल्थ-एमरजेंसी के रूप में वर्गीकृत किया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मोटापा सिर्फ एक कॉस्मेटिक समस्या नहीं है बल्कि इसे व्यापक चिकित्सा और स्वास्थ्य समस्या के तौर पर देखने की आवश्यकता है।
मोटापे के कारण कई ऐसी बीमारियों का जोखिम बढ़ता जा रहा है जो गंभीर और जानलेवा तक हो सकती हैं। अगर समय रहते इस जोखिम को नियंत्रित करने के प्रयास नहीं किए गए तो एक से दो दशकों में दुनिया की बड़ी आबादी गंभीर रोग के चपेट में आ सकती है।
बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 30 या उससे अधिक होने की स्थिति को मोटापा माना जाता है। कई अध्ययनों में पाया गया है कि अगर मोटापे को कंट्रोल न किया जाए तो इसके कारण कई क्रोनिक समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। दुनियाभर में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक हृदय रोगों से लेकर कैंसर तक की जोखिम को इसके कारण बढ़ता हुआ देखा गया है।
आइए जानते हैं कि मोटापे की स्थिति कितनी खतरनाक हो सकती है और इससे बचाव के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए?
मोटापे के कारण कई ऐसी बीमारियों का जोखिम बढ़ता जा रहा है जो गंभीर और जानलेवा तक हो सकती हैं। अगर समय रहते इस जोखिम को नियंत्रित करने के प्रयास नहीं किए गए तो एक से दो दशकों में दुनिया की बड़ी आबादी गंभीर रोग के चपेट में आ सकती है।
बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 30 या उससे अधिक होने की स्थिति को मोटापा माना जाता है। कई अध्ययनों में पाया गया है कि अगर मोटापे को कंट्रोल न किया जाए तो इसके कारण कई क्रोनिक समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। दुनियाभर में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक हृदय रोगों से लेकर कैंसर तक की जोखिम को इसके कारण बढ़ता हुआ देखा गया है।
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