देश में इन दिनों कोरोना संक्रमण के मामलों में उछाल देखा जा रहा है। करीब पांच महीने बाद ऐसे हालात हो गए हैं जिसमें संक्रमण के दैनिक मामले लगातार 1500 से ऊपर बने हुए हैं। इसके लिए फिलहाल कोरोन के ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट XBB.1.16 को प्रमुख कारण माना जा रहा है। कोरोना के बढ़ते केस के साथ-साथ लोगों में लॉन्ग कोविड का खतरा भी बड़ी चुनौती बनी है, जिसमें संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों को कई प्रकार की स्वास्थ्य जटिलताएं हो रही हैं।
हाल ही में एक रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने बताया कि
लॉन्ग कोविड के कुछ रोगियों को फेस ब्लाइंडनेस की समस्या हो रही है जिसके कारण उनके लिए अपने परिचितों को पहचानना तक कठिन हो रहा है। इसके साथ एक अन्य रिपोर्ट में कई लोगों में पोस्ट कोविड के कारण घुटने-जोड़ों में दिक्कतें भी बढ़ी पाई गई है। आइए जानते हैं कि क्या कोरोना वायरस दीर्घकालिक रूप से इस तरह की समस्याओं का भी कारण बन सकता है?
लॉन्ग कोविड में होने वाली दिक्कतें
आमतौर पर लॉन्ग कोविड में माना जा रहा था कि रोगियों को थकान-सांस की समस्या, हृदय रोग जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। पर पोस्ट कोविड की दिक्कतें बस यहीं तक सीमित नहीं हैं। यह जोड़ों-हड्डियों में दर्द और सूजन जैसी समस्याओं का भी कारण बन रहा है। आश्चर्यजनक रूप से कई ऐसे मामले भी देखे गए हैं जिसमें व्यक्ति को पहले हड्डियों से संबंधित कोई दिक्कत नहीं थी पर कोरोना से ठीक होने के बाद इस तरह के लक्षण परेशान करने लगे हैं।
बढ़ गया है आर्थराइटिस होने का जोखिम
अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि कोविड-19 से ठीक होने के बाद रि-एक्टिव आर्थराइटिस होने का जोखिम बढ़ सकता है। आर्थराइटिस के अलावा कई लोगों ने एंथेसाइटिस और पीठ के निचले हिस्से में दर्द-सूजन की भी शिकायत की। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि कोरोना संक्रमण के दौरान एंडोथेलियल सेल डैमेज और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के कारण कई लोगों में इंफ्लामेशन की समस्या हो गई है।
लॉन्ग कोविड के रूप में इसके कारण मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों से संबंधित दिक्कतों का खतरा भी हो सकता है। वहीं जिन लोगों को पहले से ही गठिया के लक्षण थे, उनमें इसके बढ़ने की समस्या भी देखी गई है।
क्या है विशेषज्ञों की सलाह?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं संक्रमण से ठीक होने के तीन-छह माह और कुछ लोगों में एक साल तक भी लॉन्ग कोविड के जोखिम बने हुए देखे जाते रहे हैं। यदि आप भी कोविड के शिकार रहे हैं और ठीक होने के बाद जोड़ों-मांसपेशियों में दर्द और हड्डियों से संबंधित किसी भी तरह की दिक्कत का अनुभव कर रहे हैं, तो इसे लॉन्ग कोविड की जटिलताओं के रूप में देखते हुए जल्द से जल्द किसी चिकित्सक से मिलकर इलाज लें। गठिया की समस्या समय के साथ बढ़ती जाती है।
संक्रमण से ठीक होने के बाद स्वस्थ दिनचर्या का करें पालन
मेडिकल रिपोर्ट्स में पाया गया है कि वैसे तो लॉन्ग कोविड के ज्यादातर मामले स्वत: कुछ समय में ठीक हो जाते हैं पर कुछ स्थितियों में इसके दीर्घकालिक होने का भी खतरा रहता है। संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों के दिनचर्या को ठीक रखने पर विशेष ध्यान देते रहने की आवश्यकता है। आहार और जीवनशैली को ठीक रखकर इस तरह की कई समस्याओं के जोखिम को कम किया जा सकता है। नियमित व्यायाम हड्डियों-मांसपेशियों को स्वस्थ रखने में मदद करती है।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है।
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