स्वास्थ्य बेहतर रखना है तो सभी लोगों को स्वस्थ आहार के साथ नियमित व्यायाम करने की सलाह दी जाती रही है, इसमें आदतों में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अब अच्छी नींद को भी शामिल किया है। यानी कि नींद हमारी सेहत के लिए उतनी ही जरूरी है जितना कि पौष्टिक आहार और व्यायाम। लोगों में बढ़ती नींद की परेशानी के कारण कई प्रकार की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ता हुआ देखा गया है।
इसे तनाव-अवसाद की बढ़ती समस्या से लेकर ब्लड प्रेशर, हृदय रोगों को बढ़ाने वाला कारक भी माना जाता है। यही कारण है सभी लोगों को रोजाना रात में 6-8 घंटे की निर्बाध नींद लेने की सलाह दी जाती है।
शोधकर्ताओं ने सचेत किया है कि अगर आप रात की नींद पूरी नहीं कर पा रहे हैं और यह समस्या लगातार बनी हुई है तो इसके कारण प्रजनन स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर होने का खतरा रहता है। पुरुष-महिला, दोनों में इससे संबंधित समस्याएं देखी गई हैं।
प्रजनन हार्मोन्स पर पड़ता है असर
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, नींद की कमी प्रजनन क्षमता से संबंधित हार्मोन को प्रभावित कर सकती है। मस्तिष्क का वह हिस्सा जो "स्लीप-वेक हार्मोन" को नियंत्रित करता है, नींद की कमी की स्थिति में यह महिलाओं में ओव्यूलेशन और पुरुषों में शुक्राणुओं को प्रभावित करता है।
अध्ययन के मुताबिक महिलाओं में लंबे समय तक नींद की बनी रहने वाली समस्या के कारण एस्ट्रोजेन, प्रोजेस्टेरोन, प्रोलैक्टिन और ल्यूटिनाइजिंग जैसे हार्मोन सहित विभिन्न प्रजनन संबंधी हार्मोन पर सीधा प्रभाव पड़ सकता है। यानी नींद की कमी आपमें बांझपन जैसी समस्याओं के जोखिम को भी बढ़ाने वाली हो सकती है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
वैज्ञानिकों का कहना है कि पुरुषों में स्वस्थ शुक्राणु उत्पादन के लिए टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आमतौर पर नींद के दौरान ये हार्मोन रिलीज होते हैं। बोस्टन विश्वविद्यालय के शोधकर्ता और महामारी विज्ञान के प्रोफेसर लॉरेन वाइज के अनुसार, कई अध्ययनों में पाया गया है कि जो लोग अच्छी नींद लेते हैं उनमें टेस्टोस्टेरोन का स्तर प्रजनन के लिए उपयुक्त बना रहता है। जबकि नींद और प्रजनन क्षमता पर किए गए अधिकांश शोध बताते हैं, बहुत कम नींद लेने वाले या नींद की खराब गुणवत्ता वाले लोगों में प्रजनन की समस्याओं का जोखिम अधिक होता है।
शोध में क्या पता चला?
बोस्टन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के एक
अध्ययन में 790 युगलों पर शोध किया गया। कई स्तर पर किए गए निष्कर्ष में पाया गया कि जिन लोगों को रोजाना 6 घंटे से कम की नींद मिल पाती थी उनमें गर्भधारण से संबंधित दिक्कतों का खतरा अधिक पाया गया।
इसके अलावा जो पुरुष बहुत कम या बहुत देर तक सोते थे, उनमें प्रजनन समस्याओं का जोखिम 42% अधिक था। यानी कि नींद की कमी पुरुष-महिला दोनों के प्रजनन स्वास्थ्य को प्रभावित करती हुई देखी गई है।
अच्छी नींद पाने के करें प्रयास
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को दिनचर्या में ऐसी आदतों को जरूर शामिल करना चाहिए जो आपको अच्छी नींद पाने में मदद करती हैं।
- हर दिन व्यायाम करें।
- सोने-जागने का समय निर्धारित करें, रोजाना इसका पालन करें।
- बेडरूम को शांत और कम रोशनी वाला रखें जिससे अच्छी नींद आए।
- शराब का सेवन हानिकारक है इससे नींद प्रभावित होती है, इससे दूरी बनाएं।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है।
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