देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले डराने वाले हैं। ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट XBB.1.16 के कारण पिछले कुछ दिनों से दैनिक रोगियों की संख्या में उछाल आया है, पिछले 24 घंटे में 3000 से अधिक लोगों में संक्रमण की पुष्टि की गई है। ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट्स के कारण भले ही लोगों में गंभीर रोग के मामले कम देखे जा रहे हैं फिर भी स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को बचाव के निरंतर उपाय करते रहने की सलाह देते हैं। इन नए वैरिएंट्स के कारण जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है उनमें गंभीर रोग का जोखिम भी हो सकता है।
इस बीच एक शोध में पाया गया है कि अगर गर्भावस्था के दौरान संक्रमण हो जाता है तो इसके कारण पैदा होने वाले शिशु में मस्तिष्क से संबंधी रोगों के विकसित होने का जोखिम रहता है। गर्भावस्था के दौरान संक्रमण के कारण बच्चों में ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर जैसे न्यूरोडेवलपमेंटल विकारों की समस्या देखी गई है।
वैज्ञानिकों ने सभी गर्भवती को अलर्ट किया है।
बच्चों में न्यूरोडेवलपमेंटल समस्याओं का जोखिम
जामा नेटवर्क ओपन में प्रकाशित अध्ययन के निष्कर्षों से पता चलता है कि कोविड का संक्रमण 12 महीने तक की आयु के बच्चों में न्यूरोडेवलपमेंटल समस्याओं के जोखिम को लगभग दो गुना तक बढ़ा सकती है। लड़कों में इस विकार का जोखिम अधिक पाया गया है। लड़कियों में फिलहाल इसका जोखिम कम देखा गया है।
अध्ययन के आधार पर वैज्ञानिकों का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान संक्रमण का शिकार रही मां से जन्मे बच्चों में एहतियातन इसकी जांच जरूर करा लेनी चाहिए।
अध्ययन में क्या पता चला?
इस अध्ययन के लिए, टीम ने कोविड महामारी के दौरान इलेक्ट्रॉनिक लाइव बर्थ के 18,355 बच्चों के रिकॉर्ड की जांच की, जिसमें गर्भावस्था के दौरान कोरोना पॉजिटिव मां से जन्मे 883 बच्चे भी शामिल थे। इन 883 बच्चों में से 26 में जन्म के पहले 12 महीनों के दौरान न्यूरोडेवलपमेंटल समस्याएं देखी गई। वहीं गर्भावस्था के दौरान संक्रमण से सुरक्षित मां से जन्मे करीब 17 हजार में से 317 में इस तरह की दिक्कतों का पता चला। क्या वैक्सीनेशन इस तरह के जोखिमों को कम कर सकता है इसके परिणाम को समझने के लिए फिलहाल अध्ययन किया जा रहा है।
गर्भावस्था के दौरान संक्रमण और खतरा
इसके पहले के अध्ययनों में भी विशेषज्ञ अलर्ट करते रहे हैं कि गर्भावस्था के दौरान अन्य संक्रमणों के कारण बच्चों में न्यूरोडेवलपमेंटल डिसऑर्डर जैसे ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर आदि का खतरा हो सकता है, पर कोरोना वायरस की स्थिति में भी इसके जोखिम को स्पष्ट करने वाला यह पहला अध्ययन है।
प्रमुख शोधकर्ता और विश्वविद्यालय में मातृ-भ्रूण चिकित्सा विशेषज्ञ एंड्रिया एडलो कहती हैं, गर्भवती में सार्स-सीओवी-2 संक्रमण से जुड़ा न्यूरोडेवलपमेंटल जोखिम पुरुष शिशुओं में असमान रूप से अधिक पाया गया है।
सभी लोग करते रहें बचाव
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कोरोना के बदलते स्वरूपों ने यह बेहतर ढंग से समझा दिया है कि इसे सिर्फ श्वसन रोग मानकर चलना ठीक नहीं है। कोरोना संक्रमण के कारण शरीर में कई तरह की दिक्कतों का जोखिम बढ़ जाता है। पिछले एक साल से ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण रोग विकसित होते देखे जा रहे हैं, भले ही इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम कम है पर बचाव करते रहना बहुत जरूरी है।
भले ही कोरोना आपमें गंभीर रोग का कारण न बने पर आपसे कोमोरबिडिटी, गर्भवती लोगों में संक्रमण का खतरा रहता है जो उनमें गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकती है।
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स्रोत और संदर्भ
Sex-Specific Neurodevelopmental Outcomes Among Offspring of Mothers With SARS-CoV-2 Infection During Pregnancy
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