देश इन दिनों दो प्रकार के श्वसन संक्रमण की गिरफ्त में हैं,
कोरोना वायरस और H3N2 इन्फ्लुएंजा। पिछले दस दिनों में कोरोना संक्रमण के मामले काफी तेजी से बढ़ते हुए रिपोर्ट किए गए हैं। करीब पांच महीने बाद एक बार फिर से ऐसे हालात हैं जिसमें कोरोना के दैनिक मामले 1600 के आंकड़े को पार कर रहे हैं, इसके लिए ओमिक्रॉन XBB.1.16 सब-वैरिएंट को कारण माना जा रहा है, हालांकि कोरोना संक्रमितों में गंभीर रोग के मामले फिलहाल कम हैं।
वहीं दूसरी तरफ जनवरी-फरवरी के महीने से ही देश में इंफ्लुएंजा के H3N2 वैरिएंट का कहर जारी है, इसे लोगों में गंभीर रोग का कारण भी पाया गया है। कुछ संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत भी पड़ी है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि ये दोनों ही वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित कर रहे हैं और इनके ज्यादातर लक्षण एक समान देखे गए हैं। कुछ रिपोर्ट्स में
कोविड-19 और H3N2 के को-इंफेक्शन को लेकर भी अलर्ट किया गया है।
चूंकि दोनों के लक्षण एक जैसे हैं ऐसे में सवाल उठते हैं कि इनमें अंतर कैसे किया जा सकता है?
कोविड-19 और H3N2 का संक्रमण
आईसीएमआर के एक सर्वेक्षण के मुताबिक दो महीने से अधिक समय में अस्पतालों में भर्ती होने वाले श्वसन संक्रमण वाले 50 प्रतिशत से अधिक रोगियों के मामले एच3एन2 इन्फ्लूएंजा के हैं। स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि 1 जनवरी से 20 मार्च के बीच H3N2 के कुल 1,161 मामले सामने आए हैं।
गौरतलब है कि H3N2 इंफ्लुएंजा के कारण कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में गंभीर रोग और मौत के मामले भी देखे गए हैं। इस बीच कोरोना वायरस भी तेजी से बढ़ रहा है। आइए इन दोनों के लक्षणों के बारे में जानते हैं।
H3N2 इन्फ्लूएंजा के लक्षण
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, H3N2 चूंकि इन्फ्लूएंजा का ही एक प्रकार है, ऐसे में संक्रमितों में उसी तरह के लक्षण देखे जा रहे हैं जैसा कि अबतक वायरल संक्रमण की स्थिति में होता रहा है। H3N2 इन्फ्लूएंजा से संक्रमितों को बुखार के साथ थकान, कमजोरी, जोड़ों का दर्द और सांस की तकलीफ हो सकती है। हालांकि अगर आपकी इम्युनिटी पावर कमजोर है तो इन लक्षणों के गंभीर रूप लेने का खतरा भी हो सकता है। स्वस्थ लोगों में यह लक्षण सामान्य दवाओं के माध्यम से आसानी से ठीक हो जा रहे हैं।
कोरोना संक्रमण के लक्षण
कोरोना वायरस के मौजूदा संक्रमण के लिए ओमिक्रॉन XBB.1.16 सब-वैरिएंट को कारण माना जा रहा है। अध्ययनों में इसकी संक्रामकता दर अधिक देखी गई है पर इसके कारण गंभीर रोग विकसित होने का खतरा कम होता है। कोरोना संक्रमित ज्यादातर लोगों में आमतौर पर ऊपरी श्वसन संबंधी समस्याएं जैसे नाक बंद होना, सिरदर्द-गले में खराश, बुखार और मांसपेशियों में दर्द की दिक्कत हो रही है।
कोविड-19 और H3N2 में कैसे अंतर करें?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कोविड-19 और H3N2 इन्फ्लूएंजा चूंकि दोनों ऊपरी श्वसन तंत्र को प्रभावित कर रहे हैं, ऐसे में लक्षण भी एक जैसे होते हैं। इनमें अंतर करने का सबसे आसान तरीका टेस्ट कराना है। कोविड और एच3एन2 के बीच सबसे प्रमुख अंतर यह है कि कोरोना का यह वैरिएंट अधिक संक्रामक है और वायरस की प्रकृति के कारण एक से दूसरे में बहुत तेजी से फैलता है, लेकिन H3N2 पहले के H1A1 वायरस की तरह मौसमी रूप से फैलता है, आमतौर पर मौसम के परिवर्तन के दौरान। अगर आपको बताए गए लक्षणों में से कुछ समस्याएं बनी हुई हैं तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है।
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