दुनियाभर के वैज्ञानिकों का यही मानना है कि कोरोना महामारी को खत्म करने का एकमात्र उपाय टीकाकरण ही है, जो भारत, अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों में तेजी से चल रहा है। हालांकि इस बीच फ्रांस के नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर ल्यूक मॉन्टैग्नियर ने एक चौंका देने वाला दावा किया है। उनका कहना है कि टीकाकरण से कोरोना वायरस खत्म नहीं हो रहा बल्कि उसके नए-नए वैरिएंट्स उत्पन्न हो रहे हैं। दरअसल, प्रोफेसर मॉन्टैग्नियर का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें वो यह दावा कर रहे हैं। वह एक वायरोलॉजिस्ट हैं और 12 साल पहले यानी साल 2008 में उन्होंने नोबेल पुरस्कार जीता था।
प्रोफेसर मॉन्टैग्नियर का दावा है कि 'वैक्सीन वायरस को रोकती नहीं है बल्कि वो उसके विपरीत काम करती है और वायरस को और भी ज्यादा ताकतवर बनाती है। टीकाकरण के कारण कोरोना के नए वैरिएंट अधिक नुकसान पहुंचा सकते हैं।'
दरअसल, इस महीने की शुरुआत में प्रोफेसर मॉन्टैग्नियर ने एक इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने कोरोना वायरस को लेकर कई तरह के दावे किए थे। उनके इंटरव्यू को अमेरिका के आरएआईआर फाउंडेशन ने ट्रांसलेट किया है। इंटरव्यू में उन्होंने दावा किया है कि महामारी से जुड़े वैज्ञानिकों को कोरोना वैक्सीन से जुड़े तथ्यों के बारे में पता है लेकिन फिर भी वो चुप हैं।
इंटरव्यू में प्रोफेसर मॉन्टैग्नियर ने सवाल पूछा गया था कि जनवरी से टीकाकरण शुरू होने के बाद से कोरोना संक्रमण के नए मामले और उससे होने वाली मौतों के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं, इसपर आपकी क्या राय है? इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'कोरोना का टीकाकरण अभियान एक 'अस्वीकार्य गलती' है। सामूहिक टीकाकरण एक वैज्ञानिक त्रुटि होने के साथ-साथ एक चिकित्सा त्रुटि भी है।' उन्होंने कहा कि वैक्सीन एंटीबॉडी बनाती है, जो वायरस को दूसरा रास्ता खोजने या मरने पर मजबूर करती है और इसी वजह से नए वैरिएंट भी पैदा होते हैं।'
प्रोफेसर मॉन्टैग्नियर ने कहा कि हर देश में एक जैसा ही हाल है। टीकाकरण का ग्राफ कोरोना के कारण मौतों के ग्राफ के साथ ही चल रहा है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन लेने के बाद जो लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं, उनके साथ वह प्रयोग कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मैं आपको दिखाऊंगा कि टीकाकरण से ही कोरोना के नए वैरिएंट बन रहे हैं, जो वैक्सीन के लिए प्रतिरोधी हैं।