नवरात्र के मौके पर धर्मनगरी कटड़ा सहित वैष्णो देवी भवन में शानदार सजावट की गई है। भक्त भवन की सजावट और धार्मिक माहौल को देखकर मंत्रमुग्ध हो रहे हैं। धर्मनगरी व मां के भवन को दो ट्रक फल और 40 ट्रक फूलों से सजाया गया है। विभिन्न स्थानों पर प्राकृतिक फूलों व फलों से सजावट का कार्य किया गया है। भवन में भव्य स्वागत द्वार बनाया गया है। निर्मित व प्राकृतिक गुफा के बाहर भी सजावट की गई है।
आम, अमरूद, मौसमी, केला, चीकू भी मंगवाए गए हैं। फूलों में गेंदा, गुलाब, लोली, मोती, पीओपी मोगरा, रजनीगंधा आदी शामिल हैं जिन्हें देश व विदेशों से मंगवाया गया है। चैत्र नवरात्र पर वैष्णो देवी भवन में दर्शन करने वाले भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा है। भक्त एक ओर जहां प्राकृतिक पिंडियों के समक्ष शीश झुकाकर आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं। भवन में प्राकृतिक पुष्पों व फलों से की गई सजावट देख आनंदित हो रहे हैं।
माता के दरबार में आए श्रद्धालुओं ने कहा कि जो माता के दर आता है, वो कुछ न कुछ वर जरूर पाता है। इस बार चैत्र नवरात्र के सात दिनों में अब तक लगभग 2.40 लाख श्रद्धालु माता के दरबार में हाजिरी लगा चुके हैं। वहीं, धर्मनगरी में आयोजित होने वाले भव्य दुर्गा आरती में भी भक्त हिस्सा ले रहे हैं। नवरात्र पर्व पर पहले सात दिन में 2.4 लाख से अधिक भक्त भवन में माथा टेक चुके हैं।
पंजीकरण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार दोपहर 12 बजे तक 14 हजार भक्तों का पंजीकरण हो चुका था। पांच बजे तक 26 हजार भक्त पंजीकृत थे, तो शाम आठ बजे तक यह आंकड़ा 33 हजार पार कर चुका था। कक्ष बंद होने को अभी दो घंटे शेष थे। नवरात्र पर्व पर औसतन हर रोज 30 से 35 हजार के करीब भक्तों का पंजीकरण हो रहा। शनिवार व रविवार को ये आंकड़ा चालीस हजार से भी अधिक रहा। बता दें कि पिछले चैत्र नवरात्र पर ढाई लाख भक्तों ने भवन में माथा टेका।
इस बार उम्मीद है कि 2.75 लाख का भक्त माता के दर्शन को पहुंचेंगे। नवरात्र पर जहां भक्तों को भवन में होने वाला शतचंडी महायज्ञ आकर्षित कर रहा है। वहीं मुख्य बस स्टैंड पर सुबह व शाम को होने वाली दिव्य आरती भी लुभा रही है। इस आरती का आनंद उठाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं। वीरवार सुबह आखिरी आरती का आयोजन होगा। इसके उपरांत पंडाल में स्थापित सभी मूर्तियों का चिनाब नदी में विसर्जन किया जाएगा। साथ प्रसाद का भी वितरण किया जाएगा।