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The Kashmir Files: इस्राइल की भी आलोचना कर चुके हैं कश्मीर फाइल्स को प्रोपेगेंड बताने वाले लैपिड, जानें सबकुछ

स्पेशल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: हिमांशु मिश्रा Updated Tue, 29 Nov 2022 02:31 PM IST
The Kashmir Files: Did Lapid call the Kashmir files ugly and propaganda as part of a conspiracy?
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गोवा में 53वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल (IFFI) के समापन समारोह में 'द कश्मीर फाइल्स' को लेकर एक बड़ा विवाद पैदा हो गया। विवाद फेस्टिवल के ज्यूरी चेयरमैन और इस्राइली फिल्म निर्माता नादव लैपिड के बयान पर हुआ है। उन्होंने फिल्म फेस्टिवल में बोलते हुए 'कश्मीर फाइल्स' को एक भद्दा 'प्रोपेगेंडा कह दिया। 
 
नादव के बयान पर देशभर से प्रतिक्रिया आ रही है। जहां एक तरफ ‘द कश्मीर फाइल्स’ के निर्माता और कलाकारों ने नादव लैपिड पर पलटवार किया है, वहीं इस्राइली दूतावास ने भी सफाई पेश की है। इस्राइल के काउंसिल जनरल कोब्बी शोशानी ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करके कहा कि जूरी हेड और इस्राइल के फिल्म मेकर नादव लैपिड की तुलना में उनकी राय अलग है। 



आखिर ये नादव लैपिड हैं कौन? कैसे उन्होंने फिल्मी करियर की शुरुआत की? उन्होंने कश्मीर फाइल्स को लेकर क्या-क्या बोला? और अब तक इस मामले में क्या-क्या हो चुका है? क्या ये किसी साजिश का हिस्सा है? आइये जानते हैं…
 
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पहले जानिए नादव लैपिड ने कहा क्या? 
सोमवार को फिल्म फेस्टिवल का समापन समारोह था। इस दौरान फेस्टिवल के ज्यूरी चेयरमैन और इस्राइली फिल्म निर्माता नादव लैपिड को अपनी बात रखने के लिए मंच पर बुलाया गया। वह फेस्टिवल में प्रस्तुत की गईं, सभी फिल्मों के बारे में बता रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, 'हमने डेब्यू कंपटीशन में सात फिल्में और इंटनेशनल कंपटीशन में 15 फिल्में देखीं। इनमें 14 फिल्में सिनेमैटिक क्वालिटी की थीं और इन्होंने बहुत शानदार बहस छेड़ी। 15वीं फिल्म 'कश्मीर फाइल्स' को देख हम सभी विचलित और हैरान थे। यह एक भद्दी प्रोपेगेंडा जैसी लगी, जो कि इस तरह के प्रतिष्ठित फिल्म फेस्टिवल के कलात्मक कंपटीशन के लिए अयोग्य थी।' 
 
नादव ने कहा, 'इस मंच से खुलकर अपनी भावनाएं साझा करते हुए मैं पूरी तरह खुद को सहज पा रहा हूं, क्योंकि इस फेस्टिवल की आत्मा गंभीर बहस को निश्चित रूप से स्वीकार कर सकती है, जोकि कला और जिंदगी के लिए जरूरी है।'
 
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क्या किसी साजिश का हिस्सा है नादव का बयान? 
ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि आमतौर पर नादव लैपिड कोई लिखित भाषण नहीं पढ़ते हैं, लेकिन कश्मीर फाइल्स को लेकर बयान देते समय वह लिखा हुआ भाषण पढ़ रहे थे। इसका उन्होंने मंच से जिक्र भी किया। अपना भाषण शुरू करने से पहले लैपिड ने कहा कि वो आम तौर पर लिखित भाषण नहीं देते हैं, लेकिन इस बार वो 'लिखा हुआ भाषण पढ़ेंगे क्योंकि वो सटीकता' के साथ अपनी बात कहना चाहते हैं। इस समारोह में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर समेत कई दिग्गज हस्तियां भी मौजूद रहीं। यही कारण है कि अब नादव के भाषण पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। अनुपम खेर ने भी इसे साजिश ही करार देते हुए कहा, ये प्री प्लांड लगता है। प्लानिंग किया गया है। क्योंकि उनका बयान आने के तुरंत बाद टूल किट सक्रिय हो गया। ये उनके लिए शर्मनाक है कि उन्होंने इस तरह का बयान दिया है। 

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ने की शिकायत
नादव के बयान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विनीत जिंदल ने गोवा पुलिस से शिकायत दर्ज कराई है। जिंदल ने नादव के इस बयान को एक साजिश का हिस्सा बताया। कहा कि इसके जरिए हिंदुओं को टारगेट करने की साजिश है। नादव का ये बयान साफ करता है कि ये दो धर्मो को लड़ाने की साजिश है। 
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