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Gautam Adani: Will Gautam Adani, who has dodged death twice, be able to get out of financial troubles?
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Gautam Adani: दो बार मौत को चकमा दे चुके गौतम अदाणी क्या आर्थिक मुसीबतों से बाहर निकल पाएंगे? समझें सबकुछ
स्पेशल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: हिमांशु मिश्रा Updated Thu, 02 Feb 2023 04:56 PM IST
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से दुनिया के जाने-माने उद्योगपति गौतम अदाणी विवादों के घेरे में हैं। गौतम अदाणी दो बार मौत को भी चकमा दे चुके हैं। एक बार मुंबई में हुए आतंकी हमले के दौरान, तो दूसरी बार उन्हें बदमाशों ने बंधक बना लिया था। अब वह आर्थिक हेरफेर में फंसे हैं।
ऐसे में आज हम आपको गौतम अदाणी के इस विवाद से जुड़ी पूरी कहानी बताएंगे। ये भी बताएंगे कि कैसे गौतम अदाणी ने शून्य से दुनिया के सबसे अमीरों की सूची तक का सफर तय किया। अब किस तरह के आरोपों से घिरे हुए हैं और आगे क्या हो सकता है?
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गौतम अदाणी
- फोटो : ANI
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शुरुआत उन दो घटनाओं से करते हैं, जब अदाणी ने मौत को दिया था चकमा
1. बदमाशों ने किडनैप करके मांगी थी फिरौती : ये मामला 1997 का है। गौतम अदाणी उन दिनों उभरते हुए उद्यमी थे। उनका व्यापार देश में तेजी से फैल रहा था। एक दिन गौतम अदाणी का अपहरण हो गया। उनको छोड़ने के लिए अपहरकर्ताओं ने करीब 11 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी।
पुलिस ने इस मामले में एक जनवरी 1998 को चार्जशीट फाइल की। अदाणी के साथ कारोबारी शांतिलाल पटेल का भी अपहरण हुआ था। दोनों कर्णावती क्लब से अपनी कार से मोहम्मदपुरा रोड की ओर निकले थे। रास्ते में एक स्कूटर ने जबरन उनकी गाड़ी रुकवा ली थी। फिर बहुत से लोग एक वैन से आए और दोनों को किडनैप कर लिया। उन्हें किसी अनजान जगह पर ले जाया गया था।
किसी तरह उन्हें अपहरणकर्ताओं के चंगुल से निकाला गया था। अदाणी आज भी इस मसले पर बात नहीं करना चाहते हैं। उनसे एक बार लंदन में इसको लेकर सवाल पूछा गया था। जिसे उन्होंने टाल दिया। कहा जाता है कि अदाणी के अपहरण के पीछे अंडरवर्ल्ड डॉन फजल उर रहमान उर्फ फजलू रहमान का हाथ था।
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गौतम अदाणी
- फोटो : सोशल मीडिया
2. जब आतंकवादियों ने बना लिया था बंधक
ये 2008 की घटना है। तब गौतम अदाणी को आतंकवादियों ने बंधक बना लिया था। हुआ यूं कि 26 नवंबर 2008 को गौतम अदाणी ताज होटल में डिनर करने गए थे। इसी दौरान वहां आतंकवादियों ने हमला कर दिया। उस दौरान मुंबई के कई जगहों पर एकसाथ आतंकी हमला हुआ था।
ताज होटल में आतंकवादियों ने अंधा-धुंध फायरिंग शुरू कर दी। 160 लोगों की मौत हुई। गौतम अदाणी वैदर क्राफ्ट रेस्टोरेंट में दुबई पोर्ट के सीईओ मोहम्मद शराफ के साथ खाना खा रहे थे। उसी वक्त होटल में गोलीबारी शुरू हो गई। अदाणी ऊंचाई पर बैठे थे, इसलिए वह सबकुछ साफ-साफ देख पा रहे थे। आतंकी स्वीमिंग पूल और लिफ्ट की तरफ लगातार गोलियां चला रहे थे। किसी तरह हिम्म्त दिखाते हुए होटल स्टाफ ने अंदर फंसे लोगों की मदद की। एक-एक करके कुछ लोगों को बेसमेंट में ले जाया गया। इसी में गौतम अदाणी भी थे। बेसमेंट में लोगों को घुटन महसूस हुई तो उन्हें ताज चैंबर में ले जाया गया जो एक फ्लोर ऊपर था।
अदाणी ने इस घटना की जानकारी एक इंटरव्यू में शेयर की है। उन्होंने बताया था कि उस वक्त उनके साथ 100 से ज्यादा लोग फंसे थे। सभी जान बचने के लिए प्रार्थना कर रहे थे। अदाणी ने बताया कि उन्होंने उसी वक्त अपने परिवार से फोन पर बात की। इसके अलावा वह लगातार अपने ड्राइवर और कमांडो से भी बात कर रहे थे, जो होटल के बाहर कार में थे। 26 नवंबर की पूरी रात अदाणी ने होटल के चैंबर में गुजारी थी। अगले दिन गुरुवार को सुबह सुरक्षा बलों ने करीब 8.45 बजे उन्हें बाहर निकाला था। 27 नवंबर को वह अपने प्राइवेट एयरक्राफ्ट से अहमदाबाद निकल गए। एक इंटरव्यू में इस घटना के बारे में बताते हुए अदाणी ने कहा था, 'मैंने 15 फीट की दूरी से मौत को देखा है।'
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गौतम अदाणी
- फोटो : अमर उजाला
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अब जानिए उस हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बारे में, जिसपर मचा है बवाल
25 जनवरी को हिंडनबर्ग ने अदाणी समूह के संबंध में 32 हजार शब्दों की एक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के निष्कर्ष में 88 प्रश्नों को शामिल किया। रिपोर्ट में दावा किया गया कि यह समूह दशकों से शेयरों के हेरफेर और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल है। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि मॉरीशस से लेकर संयुक्त अरब अमीरात तक टैक्स हेवन देशों में अदाणी परिवार की कई मुखौटा कंपनियां हैं। आरोपों के मुताबिक, इनका उपयोग भ्रष्टाचार, मनी लांड्रिंग के लिए किया गया। इन मुखौटा कंपनियों के जरिए फंड की हेराफेरी भी की गई।
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गौतम अदाणी
- फोटो : अमर उजाला
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क्या अदाणी समूह फिर से मजबूत हो सकता है?
इसे समझने के लिए हमने दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स के प्रो. देवेश, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो. प्रह्लाद और चार्टर्ड अकाउंटेंट सुनील कुमार शुक्ला से बात की। तीनों से हमने एक-एक करके गौतम अदाणी से जुड़े इस विवाद को समझने की कोशिश की। ये भी पता लगाने की कोशिश की है कि क्या गौतम अदाणी इस मुसीबत से बाहर आ सकते हैं? अगर हां तो कैसे?
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो. प्रह्लाद कहते हैं, 'हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अदाणी समूह के शेयर्स में लगातार गिरावट जारी है। ये पहली बार नहीं है जब हिंडनबर्ग ने किसी कंपनी को टारगेट किया है। इसके पहले भी अमेरिका और चीन की 10 से ज्यादा कंपनियों के खिलाफ ये फर्म रिपोर्ट जारी कर चुकी है। रिपोर्ट आने के बाद ज्यादातर कंपनियों की हालत खराब हुई है। हालांकि, अदाणी के मामले में कुछ चीजों को देखना होगा।'
प्रो. प्रह्लाद कहते हैं, 'अदाणी दुनिया के टॉप-3 अमीरों की सूची में थे और अभी भी टॉप-20 में बने हुए हैं। ये तब स्थिति है जब उनकी सारी कंपनियों के शेयर लगातार गिर रहे हैं। ऐसे समय अगर अदाणी समूह की स्थिति तभी ठीक होगी, जब केंद्र सरकार की ओर से गठित जांच कमेटियों में वह क्लीन पाए जाते हैं। अगर देश की तमाम आर्थिक जांच एजेंसियों की जांच में उन्हें क्लीनचिट मिलती है तो इसका फायदा उन्हें आने वाले दिनों में मिल सकता है। हालांकि, अभी तुरंत की बात करें तो उनकी कंपनियों की स्थिति खराब ही होती रहेगी।'
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