आजमगढ़ के निजामाबाद थाना क्षेत्र में स्थिति प्रशासन के काबू के बाहर होती जा रही है। लगातार तीसरे दिन रविवार की शाम पुलिस की मौजूदगी में उपद्रवियों ने एक आरा मशीन में आग लगाने के अलावा मोबाइल की दूकान लूटने का भी प्रयास किया।
इस बीच सड़क पर निकल रहे दोपहिया वाहन चालकों और राहगीरों को नाम पूछ-पूछकर पीटा गया। फरिया से बनगांव और फरीदाबाद तक तीन किलोमीटर सड़क पर उपद्रवियों की मनमानी तकरीबन तीन घंटे तक चलती रही। इस दौरान पुलिस मूकदर्शक रही और ग्रामीण घरों में दुबके रहे। रात 10 बजे भारी संख्या में पहुंची पुलिस फोर्स ने भीड़ को तितर बितर किया।
इस मामले में 21 नामजद और 250 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सोमवार की सुबह पहुंचे अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) दलजीत चौधरी ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। स्थिति बिगाड़ने के दोषी नेताओं की भी गिरफ्तारी होगी।
उपद्रव करने वालों और अफवाह फैलाने वाले तत्वों पर रासुका लगाने की कार्रवाई की जाएगी। उधर, लखनऊ से गृह विभाग भी आजमगढ़ की स्थिति की लगातार जानकारी लेता रहा। जिलाधिकारी ने घटना की मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश दे दिए हैं। क्षेत्र में कर्फ्यू जैसे हालात हैं।
सभी बाजार, स्कूल और पेट्रोल पंप बंद कर दिए गए हैं। प्रभावित क्षेत्र में नेताओं के घुसने पर रोक लगा दी गई। क्षेत्र की भाजपा सांसद नीलम सोनकर को भी प्रशासन ने लौटा दिया। हिंसा न थमने पर फरिया, बनगांव, फरीदाबाद, खुदादादपुर, संजरपुर, सरायमीर में 12 कंपनी पीएसी, दो कंपनी आरएएफ, एक कंपनी सीआरपीएफ के अलावा भारी संख्या में स्थानीय पुलिस को तैनात किया गया है। जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने कहा कि जिले में इंटरनेट सेवाएं 18 मई तक बंद रहेंगी।