दादा-दादी का पोता आईएएस अधिकारी हो और बेटों के पास करोड़ों की संपत्ति हो भला कौन ऐसा सोच सकता है कि उन्हें दो रोटियों के लिए धक्के खाने पड़े। लेकिन हरियाणा के चरखी दादरी जिले में करोड़पति बेटा-बहू ने ऐसा ही किया कि जहां बुजुर्ग माता-पिता को दो रोटी नहीं दे सके तो दंपती ने जहरीला पदार्थ निगलकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। बुजुर्ग दंपती का पोता आईएएस अधिकारी है और बेटों के करोड़ों की संपत्ति है।
सेना में 20 साल सेवाएं देने के बाद भी घर में नहीं मिली सुख की रोटी
77 वर्षीय पत्नी के साथ जहरीला पदार्थ निगल आत्महत्या करने वाले जगदीशचंद ने 20 साल तक सेना में सेवाएं दी हैं। सुसाइड नोट में जगदीशचंद ने लिखा कि मैं अपने छोटे बेटे महेंद्र के पास रहता था। छह साल पहले उसकी मृत्यु हो गई। मुझे कुछ दिन तक महेंद्र की पत्नी नीलम ने रोटी दी लेकिन बाद में उसने अनैतिक कार्य शुरू कर दिया और गांव निवासी विकास को अपने साथ ले लिया। विकास को साथ रखने का विरोध किया तो पीटकर मुझे घर से बाहर निकाल दिया। इसके बाद मैं दो साल तक अनाथ आश्रम में रहा। जब लौटा तो उसे फिर से बाहर निकालकर मकान को ताला लगा दिया। उसी दौरान मेरी पत्नी भागली देवी लकवाग्रस्त हो गईं।
सेना में 20 साल सेवाएं देने के बाद भी घर में नहीं मिली सुख की रोटी
77 वर्षीय पत्नी के साथ जहरीला पदार्थ निगल आत्महत्या करने वाले जगदीशचंद ने 20 साल तक सेना में सेवाएं दी हैं। सुसाइड नोट में जगदीशचंद ने लिखा कि मैं अपने छोटे बेटे महेंद्र के पास रहता था। छह साल पहले उसकी मृत्यु हो गई। मुझे कुछ दिन तक महेंद्र की पत्नी नीलम ने रोटी दी लेकिन बाद में उसने अनैतिक कार्य शुरू कर दिया और गांव निवासी विकास को अपने साथ ले लिया। विकास को साथ रखने का विरोध किया तो पीटकर मुझे घर से बाहर निकाल दिया। इसके बाद मैं दो साल तक अनाथ आश्रम में रहा। जब लौटा तो उसे फिर से बाहर निकालकर मकान को ताला लगा दिया। उसी दौरान मेरी पत्नी भागली देवी लकवाग्रस्त हो गईं।