लोकप्रिय और ट्रेंडिंग टॉपिक्स

विज्ञापन

बेटे-बहुओं का अत्याचार: बुजुर्ग दंपती ने लिखा- बासी आटे की रोटी देते हैं, मीठा जहर कितने दिन खाते, दे दी जान

संवाद न्यूज एजेंसी, दादरी (हरियाणा) Published by: नवीन दलाल Updated Fri, 31 Mar 2023 01:23 PM IST
Old Parents Commits Suicide in Charkhi Dadri of Haryana
1 of 5
दादा-दादी का पोता आईएएस अधिकारी हो और बेटों के पास करोड़ों की संपत्ति हो भला कौन ऐसा सोच सकता है कि उन्हें दो रोटियों के लिए धक्के खाने पड़े। लेकिन हरियाणा के चरखी दादरी जिले में करोड़पति बेटा-बहू ने ऐसा ही किया कि जहां बुजुर्ग माता-पिता को दो रोटी नहीं दे सके तो दंपती ने जहरीला पदार्थ निगलकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। बुजुर्ग दंपती का पोता आईएएस अधिकारी है और बेटों के करोड़ों की संपत्ति है।

सेना में 20 साल सेवाएं देने के बाद भी घर में नहीं मिली सुख की रोटी
77 वर्षीय पत्नी के साथ जहरीला पदार्थ निगल आत्महत्या करने वाले जगदीशचंद ने 20 साल तक सेना में सेवाएं दी हैं। सुसाइड नोट में जगदीशचंद ने लिखा कि मैं अपने छोटे बेटे महेंद्र के पास रहता था। छह साल पहले उसकी मृत्यु हो गई। मुझे कुछ दिन तक महेंद्र की पत्नी नीलम ने रोटी दी लेकिन बाद में उसने अनैतिक कार्य शुरू कर दिया और गांव निवासी विकास को अपने साथ ले लिया। विकास को साथ रखने का विरोध किया तो पीटकर मुझे घर से बाहर निकाल दिया। इसके बाद मैं दो साल तक अनाथ आश्रम में रहा। जब लौटा तो उसे फिर से बाहर निकालकर मकान को ताला लगा दिया। उसी दौरान मेरी पत्नी भागली देवी लकवाग्रस्त हो गईं।
Old Parents Commits Suicide in Charkhi Dadri of Haryana
2 of 5
विज्ञापन
बासी आटे की रोटी देते हैं, यह मीठा जहर कितने दिन खाता
जिसके बाद बुजुर्ग दूसरे बेटे विरेंद्र के पास रहने लगे। उन्होंने भी रखने से मना कर दिया। वे मुझे बासी आटे की रोटी देते। यह मीठा जहर कितने दिन खाता, इसलिए सल्फास निगल ली। उन्होंने लिखा है कि हमारे साथ बेटे और बहुओं ने जो किया, उसके लिए सरकार और समाज को उन्हें दंड देना चाहिए। यह दर्द एक बुजुर्ग दंपती ने मरने से पहले पुलिस को सौंपे एक सुसाइड नोट में बयां किया है।

विज्ञापन
Old Parents Commits Suicide in Charkhi Dadri of Haryana
3 of 5
दो एफडी और दुकानें आर्य समाज बाढड़ा के नाम करने की बात भी लिखी
सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा कि मेरे बेटों के पास बाढड़ा में 30 करोड़ की संपत्ति है लेकिन मुझे देने के लिए दो रोटी नहीं हैं। हमारे साथ बेटे और बहुओं ने जो किया उसके लिए सरकार और समाज को उन्हें दंड देना चाहिए। तब जाकर उसकी आत्मा को शांति मिलेगी। बुजुर्ग ने अपनी दो एफडी और दुकानें भी आर्य समाज बाढड़ा के नाम करने की बात सुसाइड नोट में लिखी है।
Old Parents Commits Suicide in Charkhi Dadri of Haryana
4 of 5
विज्ञापन
करनाल में बतौर ट्रेनी आईएएस काम कर रहा पोता
मूलरूप से गांव गोपी निवासी रिटायर्ड सेनाकर्मी जगदीशचंद (78) और भागली देवी (77) अपने बेटे विरेंद्र के पास बाढड़ा में रहते थे। विरेंद्र आर्य के बेटे विवेक आर्य 2021 में आईएएस अधिकारी बने। इस समय वो करनाल में बतौर ट्रेनी आईएएस काम कर रहे हैं। बुधवार की रात जगदीशचंद और उनकी पत्नी भागली देवी ने बाढड़ा स्थित अपने आवास पर जहरीला पदार्थ निगल लिया। देर रात करीब ढाई बजे जगदीशचंद ने जहर निगलने की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम में दी। पुलिस पहुंची तो जगदीशचंद ने पुलिस को सुसाइड नोट सौंपा। हालत बिगड़ने पर दोनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
विज्ञापन
विज्ञापन
Old Parents Commits Suicide in Charkhi Dadri of Haryana
5 of 5
विज्ञापन
बेटे महेंद्र की मौत कर गई विचलित
दरअसल, जगदीशचंद के परिवार की सामाजिक पैठ है। मूलरूप से गांव गोपी निवासी जगदीशचंद आर्य कन्या गुरुकल पचगांव के उप-प्रधान भी रहे। आर्य समाज बाढड़ा में भी वो कई पद दायित्व का निर्वहन कर चुके हैं। जगदीशचंद के बेटे एवं आर्य समाज उपाध्यक्ष विरेंद्र आर्य का कस्बे में खुद का व्यवसाय है जबकि उनके छोटे बेटे महेंद्र ने ट्रांसपोर्ट में खूब नाम कमाया। करीब 6 साल पहले हुई बेटे महेंद्र की मौत की घटना ने उनके जीवन को विचलित कर दिया।

इस घटना के बाद परिवार में बिखराव हुआ लेकिन उनके बड़े पोते के सेना में बड़े पद पर चयन होने व छोटे पोते के यूपीएससी में चयनित होने के बाद घर में खुशियां आईं, लेकिन उसके एक साल बाद फिर से यह ह्दयविधारक घटना हो गई।
विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें
विज्ञापन
सबसे विश्वसनीय Hindi News वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें हर राज्य और शहर से जुड़ी क्राइम समाचार की
ब्रेकिंग अपडेट।
 
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें अमर उजाला हिंदी न्यूज़ APP अपने मोबाइल पर।
Amar Ujala Android Hindi News APP Amar Ujala iOS Hindi News APP
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

फॉन्ट साइज चुनने की सुविधा केवल
एप पर उपलब्ध है

बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही
एप में पढ़ें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

Followed