पवित्र नदी नारायणी (गंडक) में श्राप के कारण भगवान विष्णु (ठाकुर जी) पत्थर के रूप में रहते हैं। श्राप के प्रभाव से पत्थर रूपी भगवान को कीड़े कुतर भी देते हैं। हिमालय से निकलकर नेपाल के रास्ते कुशीनगर होकर पटना के पास गंगा में समाहित होने वाली नारायणी को पुराणों ग्रंथों में काफी पवित्र बताया गया है।