एक दशक पहले तक गोरखपुर में पर्यटन का दायरा केवल गोरखनाथ मंदिर तक सीमित था। लेकिन तीन साल पहले गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की कमान संभाली तो गोरखपुर का पर्यटन उद्योग भी उत्साहित हुआ। सरकार ने न केवल लंबे समय से ठंडे बस्ते में पड़ी फाइलों को निकाला बल्कि नए सिरे से मौजूदा परिस्थितियों के मुताबिक नई योजना तैयार कर उसपर काम भी शुरू हुआ। इसी का नतीजा है कि आज पर्यटन विभाग पर्यटकों को गोरखपुर में कुछ दिन रोकने में सफल हो रहा है।