कारोबारी मनीष गुप्ता की मौत के बाद घटना वाली रात रामगढ़ताल थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह एंड कंपनी बेखौफ होकर घूमती रही है। कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए ही इंस्पेक्टर ने थाने की बोलेरो बदल दी और जीप से निकल पड़ा। आरोपी बक्शीपुर से होकर कोतवाली थाने की तरफ भी गए थे। उन्हें नखास व बक्शीपुर चौराहे पर भोर के वक्त 3:57 बजे रामगढ़ताल थाने की जीप से जाते देखा गया था। सीसीटीवी में तब तक तारीख 27 से 28 सितंबर हो चुकी थी। इसका फुटेज भी सामने आया है। फुटेज अमर उजाला के पास सुरक्षित है। सूत्रों के मुताबिक आरोपी पुलिसकर्मी थाने की जीप से ही निकले थे।
दरअसल, मेडिकल कॉलेज में मनीष गुप्ता को भर्ती कराने के बाद वहां पुलिस की दूसरी टीम को छोड़कर तत्कालीन फलमंडी चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा को लेकर जेएन सिंह वापस थाने आता है, फिर उसी जीप को लेकर निकल जाता है। नखास चौराहे के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद फुटेज के मुताबिक रामगढ़ताल थाने की जीप तड़के 3:57 बजे बक्शीपुर की तरफ जाती दिखी है। यहां आगे एक बाइक जा रही दिखती है। आगे की स्लाइड्स में देखें तस्वीरें...
नखास के बक्शीपुर वाले रास्ते पर बीच में राम जानकी मंदिर है। इसके पहले सड़क के बीचोंबीच एक ट्रक खड़ा था। इसी ट्रक के पास गाड़ी की रफ्तार कम होती है। लिहाजा, नखास से बक्शीपुर वाले रास्ते पर बाइक और पुलिस की जीप दोनों साफ दिखाई देती हैं। प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि उन्होंने सोचा कि कहीं कोई घटना हुई है। सुबह जब पता चला कि रामगढ़ताल थानाक्षेत्र में घटना हो गई और आरोपी पुलिस वाले ही थे। तब जाकर माजरा समझ में आया। मेडिकल कॉलेज से तत्कालीन इंस्पेक्टर जेएन सिंह और अक्षय मिश्रा दोनों एक साथ निकले थे। इसके बाद आखिर जेएन सिंह और उसकी टीम कहां जाती है, यह सवाल भी एसआईटी के लिए खास है।
एसआईटी की टीम भी इसी सवाल का जवाब ढूंढ रही है, क्योंकि 28 सितंबर को दोपहर बाद अचानक तबीयत खराब होने की बात लिखकर इंस्पेक्टर और चौकी इंचार्ज थाने से जाते हैं। घटना के बाद जीप में जेएन सिंह की टीम ही थी तो आखिर यह टीम बक्शीपुर की ओर क्या करने गई थी? क्योंकि, रामगढ़ताल थाने में रात्रि प्रभारी के तौर पर दरोगा अजय राय थे। थाने की दूसरी गाड़ी से वह मेडिकल कॉलेज में ही थे। ऐसे में आखिर रामगढ़ताल थाने की गाड़ी लेकर उधर की तरफ कौन गया था? टीम थी तो आखिर घटना के बाद वहां किस काम से गई थी? इन सब सवालों के जवाब भी एसआईटी के लिए अहम होंगे।
मनीष को लेकर 56 मिनट तक घूमता रहा था जेएन सिंह
27 सितंबर की रात कथित रूप से घायल मनीष गुप्ता को तत्कालीन इंस्पेक्टर रामगढ़ताल जेएन सिंह 56 मिनट तक अपने साथ थाने की गाड़ी में लेकर घूमता रहा। दरअसल, रात 12: 36 बजे मनीष को मानसी अस्पताल ले जाया जाता है। दस मिनट बाद ही अस्पताल से बाहर निकलने के सीसीटीवी साक्ष्य हैं। इसके बाद मनीष को लेकर टीम वापस रामगढ़ताल थाने आ जाती है। थाने पर आकर ही तत्कालीन रामगढ़ताल इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह रात्रिकालीन थाना प्रभारी अजय राय को रात 1:12 बजे फोन करते हैं। कहते हैं कि थाने आइए। अजय राय दबिश पर गए थे।
फोन पर सूचना मिलने के बाद करीब 1:40 बजे थाने पहुंचते हैं। इसके बाद बाहर ही जेएन सिंह ने अपनी गाड़ी में अजय राय को बैठाकर मेडिकल कॉलेज भेज दिया। फिर, अजय राय की थाने की जीप में खुद सवार होकर वे मेडिकल कॉलेज की तरफ निकल गया। अजय राय व उनकी टीम ही कारोबारी मनीष को लेकर मेडिकल पहुंचती है। इस संबंध में अजय राय ने बताया कि तत्कालीन इंस्पेक्टर जेएन सिंह ने रात 1:12 बजे सूचना देकर बुलवाया था। इसके बाद मनीष को मेडिकल कॉलेज लेकर चलने को कहा था। थाने में दो मिनट रुके होंगे, इसके बाद तत्काल गाड़ी लेकर निकल गए। उधर, मेडिकल पहुंचने और मनीष को भर्ती करवाने की प्रक्रिया के बीच ही जयनारायण सिंह व अक्षय मिश्रा वहां से वापस अपनी वही थाने वाली गाड़ी लेकर निकल गए।