2011 में गोरखपुर शिखा दुबे हत्याकांड ने लोगों को हैरान कर दिया था। जिसे लोग मरा समझ रहे थे वह अपने प्रेमी के साथ सोनभद्र में रह रही थी। इधर गोरखपुर में किसी और महिला की लाश को अपनी बेटी समझ कर उसके पिता अंतिम संस्कार कर चुके थे। एक दिन जब शिखा सामने आई तो पिता राम प्रकाश दुबे उसे देखकर फूट-फूटकर रोने लगे और उसके गालों को छूकर यकीन करने की कोशिश कर रहे थे कि वो जिंदा है। इसके बाद उन्होंने अपनी मोहमाया को त्यागकर कहा- ये मेरी ही बेटी है लेकिन अब मेरे लिए मर चुकी है। आगे की स्लाइड्स में पढ़ें कैसे शिखा ने रची अपनी मौत की पूरी साजिश...