ई-टिकटिंग के माध्यम से आर्थिक नुकसान पहुंचाने वाले व टेरर फंडिंग में शामिल खातों तक जांच टीम पहुंच गई है। यूपी से बिहार तक फैले इस काले धंधे में शामिल 20 लोगों के गिरेबान तक जांच टीम के हाथ पहुंच गए हैं। जांच टीम तकरीबन दो सौ खातों को ट्रेस कर चुकी है, जिससे देश भर में लेनदेन होता था। हालांकि इन खाता संचालकों पर टीम ने अब तक हाथ नहीं डाला है, मगर जल्द ही उनकी गिरफ्तारी की प्रक्रिया पूरी होगी। यूपी पुलिस, आरपीएफ व विजिलेंस टीम बिहार से सटे नेपाल सीमा पर लगातार अपनी मौजूदगी बनाई हैं।
देश भर में ई-टिकट के अवैध धंधे का जाल फैला था। इससे पहली बार आरपीएफ निरीक्षक नरेंद्र कुमार यादव ने जुलाई 2018 में इससे पर्दा उठाया था। दो यात्रियों के पास से ये टिकट बरामद हुए।
इसके बाद आरपीएफ की टीम कड़ी से कड़ी जोड़कर इस पूरे नेटवर्क को खंगालने लगी। नेटवर्क खंगालने के बाद इस तथ्य का खुलासा हुआ कि इस पूरे धंधे के माध्यम से टेरर फंडिंग किया जा रहा है, जिसका मुख्य संचालक बस्ती जिले के कप्तानगंज का रहने वाला हामिद अशरफ है।
हालांकि हामिद अशरफ अभी हत्थे नहीं चढ़ा है, मगर इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए यूपी पुलिस, आरपीएफ व विजिलेंस की टीम लगा दी गई। पिछले दस दिनों से टीम मय दल बल बिहार के विभिन्न जिलों मे जांच पड़ताल करते हुए बिहार से सटे नेपाल सीमा पर पहुंची है। यहां जहानाबाद में टीम ने डेरा जमा दिया है। तमाम तकनीकी जांच पड़ताल के बाद टीम ने इस पूरे लेन-देन में प्रयोग होने वाले खातों को ट्रेस कर लिया है। इसमें शामिल बीस से अधिक लोगों पर टीम नजर रखे हुए है। इनका व्यक्तिगत ब्योरा एकत्रित करने में यह टीम जुटी हुई है।
सूत्रों की माने तो यूपी व बिहार में संचालित इन खातों के अलावा देश भर के विभिन्न प्रदेशों में नेटवर्क काम करता है और वहां के भी खातों से लेन-देन किया गया है। इन खातों के बारे में भी जांच टीम सब कुछ जान चुकी है, मगर इन्हें अभी तक खंगाला नहीं जा सका है। फिलहाल टीम हामिद के खास सिपहसलारों को भी निशाने पर रखे हुए है।
टीम में शामिल आरपीएफ इंस्पेक्टर नरेंद्र कुमार यादव ने कहा कि जांच पड़ताल में सभी खातों व पोर्टल का पता चल चुका है। डेढ़ सौ से अधिक खातों को ट्रेस किया जा चुका है। इन खातों के संचालकों पर नजर रखी जा रही है। शीघ्र ही इनकी गिरफ्तारी कर ली जाएगी। इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की रणनीति तैयार की जा चुकी है।