लोकप्रिय और ट्रेंडिंग टॉपिक्स

विज्ञापन

बस्ती अपहरण मामला: खुद के बुने जाल में उलझे किडनैपर, एक गलती से खुल गई पूरी कहानी

अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर। Published by: vivek shukla Updated Sun, 01 May 2022 04:48 PM IST
Basti kidnapping case Kidnappers entangled in their own woven web
1 of 6
कपड़ा व्यापारी के बेटे का अपहरण करने वाले आदित्य सिंह व सूरज सिंह खुद के बुने जाल में उलझ गए। अखंड के अपहरण के बाद आरोपियों ने रुधौली के एक चाय दुकानदार से फोन मांगा और कहा कि घर बात करनी है। चाय विक्रेता के मोबाइल नंबर से ही आरोपियों ने कपड़ा व्यवसायी को फोन लगाया और 50 लाख रुपये की फिरौती मांग ली। फिरौती की धनराशि लेने के लिए दूसरा फोन एक जूस विक्रेता के मोबाइल नंबर से किया था। तीसरा फोन लूट के मोबाइल से किया था। एसटीएफ ने इन सभी मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर लिया और गहनता से छानबीन करके आरोपियों तक पहुंच गई।

सामान पैक करने में इस्तेमाल टेप से बांधा चेहरा

अपहर्ताओं ने बालक के साथ बर्बरता भी की थी। आंख, सिर और चेहरे को सामान पैक करने में इस्तेमाल किए जाने वाले टेप से बांध दिया था। दोनों हाथ पीछे करके कपड़े से बांधे थे। इसी हालत में बालक अखंड आठ दिनों तक पड़ा रहा। बरामदगी के समय जब एसटीएफ गोरखपुर इकाई के प्रभारी निरीक्षक सत्य प्रकाश सिंह कमरे में दाखिल हुए तो बालक डर गया।

कांपते हुए कहा कि मुझे मत मारिए। इस पर प्रभारी निरीक्षक ने ढांढस बंधाया और कहा कि बेटा पुलिस आई है। आपको छुड़ा लिया है। प्रभारी निरीक्षक व उनकी टीम के सदस्यों ने बालक के सिर व चेहरे से टेप हटाया, फिर काले व सफेद कपड़े से बंधे हाथों को मुक्त किया। बालक के कान के पास बंधे टेप को ब्लेड से काटना पड़ा।  

 
Basti kidnapping case Kidnappers entangled in their own woven web
2 of 6
विज्ञापन
अखंड को कई जगह आईं चोटें
आठ दिनों से एक ही कमरे में बंद अखंड को चोटें आई हैं। कपड़े से बांधे गए हाथ के चमड़े कुछ जगह से उखड़ गए हैं। सामान पैक करने वाले टेप की वजह से कान के पास गहरा घाव हो गया है। इसी का नतीजा रहा कि अपहर्ता के चंगुल से बालक को मुक्त कराने के बाद एसटीएफ स्वास्थ्य केंद्र ले गई। प्राथमिक उपचार के बाद बालक को परिजनों के हवाले किया गया।

 
विज्ञापन
Basti kidnapping case Kidnappers entangled in their own woven web
3 of 6

मुझे बहुत प्यास लगी है, कपड़ा भी दे दीजिए

एसटीएफ ने बालक को जैसे ही मुक्त कराया, वह बोल पड़ा। कहा कि बहुत प्यास लगी है। पानी दे दीजिए। टीम के सदस्यों ने पानी पिलाया। इसके बाद बालक ने कहा कि कमरे के पास कपड़े पड़े हैं। एसटीएफ की टीम कपड़ा लाई और पहनाकर बाहर निकाला। आठ दिन से एक कमरे में बंद अखंड के कपड़े उतरवा दिए गए थे। सिर्फ एक बनियान पहनाकर बैठाया था।

 
Basti kidnapping case Kidnappers entangled in their own woven web
4 of 6
विज्ञापन
अपहर्ताओं पर संतकबीरनगर में मोबाइल लूट का केस
एसटीएफ की छानबीन से पता चला कि आदित्य व सूरज ने संतकबीरनगर के बेलहरकला थाना क्षेत्र से 28 अप्रैल को मोबाइल फोन लूटा था। इस मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। एसटीएफ के मुताबिक, फिरौती की धनराशि मांगने के लिए ही दोनों ने संतकबीरनगर के पिपरा चौराहे से हरिश्चंद्र का फोन लूटा था। इस वारदात को फोर व्हीलर से अंजाम दिया गया था। बाद में इसके जरिए फिरौती मांगी गई।

 
विज्ञापन
विज्ञापन
Basti kidnapping case Kidnappers entangled in their own woven web
5 of 6
विज्ञापन
कपड़ा कारोबारी के परिचित हैं अपहर्ता
एसटीएफ के मुताबिक, अपहर्ता बस्ती के कपड़ा कारोबारी अशोक कुमार गुप्ता के परिचित हैं। दोनों कपड़ा कारोबार के सिलसिले में बस्ती जाते थे। कपड़ों का लेन-देन करते थे। लिहाजा, अपहर्ता का कपड़ा कारोबारी के बच्चों से जान-पहचान हो गई थी।
विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें
विज्ञापन
सबसे विश्वसनीय Hindi News वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें हर राज्य और शहर से जुड़ी क्राइम समाचार की
ब्रेकिंग अपडेट।
 
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें अमर उजाला हिंदी न्यूज़ APP अपने मोबाइल पर।
Amar Ujala Android Hindi News APP Amar Ujala iOS Hindi News APP
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

Followed