छोटे पर्दे के मशहूर शो 'भाभीजी घर पर हैं' में मनमोहन तिवारी का किरदार निभाकर घर-घर अपनी पहचान बनाने वाले रोहिताश गौड़ की कामयाबी के सितारे आज बुलंदियों के शिखर पर हैं। एक्टर को आज हर कोई जानता है, लेकिन ये पहचान हासिल करने के लिए रोहिताश को काफी संघर्षों से भी गुजरना पड़ा है। वहीं, एक समय ऐसा भी आया था जब रोहिताश मुंबई छोड़ने पर मजबूर हो गए थे, लेकिन क्यों? आइए जान लेते हैं-
फैमिली एंटरटेनमेंट शो 'भाभीजी घर पर हैं' के मनमोहन तिवारी यानी की रोहिताश गौड़ की कॉमिक टाइमिंग बेहद शानदार है। एक्टर की मां भी एक बेहतरीन आर्टिस्ट थीं और ये कला रोहिताश को जन्म के साथ ही मिली है। रोहिताश ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि उन्होंने अपनी मां से काफी कुछ सीखा है। मां ने ही रोहिताश को बुरे हालातों से निपटना सिखाया था, जिस पर वह आज भी अमल करते हैं।
हालांकि, एक दौर ऐसा आया जब रोहिताश मुंबई छोड़ने पर मजबूर हो गए थे। इसके पीछे की वजह भी इमोशनल करने वाली है। रोहिताश ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि वह साल 1989 में एक्टर बनने के लिए मुंबई आए थे, जहां वह 5-6 लोगों के साथ एक ही कमरे में सोया करते थे। पुराने दिनों और संघर्ष के पलों को याद करते हुए रोहिताश ने कहा था, 'एक कमरे में हम 5-6 लोग रहते थे। एक बार मकान मालकिन ने अपने बेटे का जन्मदिन मनाने के लिए कमरा खाली कर छत पर सोने को कहा। विरोध के बावजूद भी उन्होंने एक नहीं सुनी। हम छत पर सोने चले गए लेकिन प्लेन की आवाजों से हमें नींद नहीं आ रही थी।'
रोहिताश गौड़ ने आगे जोड़ा, 'किसी तरह मैं सो गया लेकिन, जब सुबह उठने की बारी आई तो मैं उठ नहीं पा रहा था। टंकी के पानी के रिसाव के कारण मेरी पूरी पीठ भीग गई थी। मेरे दोस्तों ने किसी तरह मुझे उठाया और डॉक्टर के पास लेकर गए। हालांकि, डॉक्टर ने जो बोला उसे सुन मैं दंग रह गया।'
डॉक्टर ने रोहिताश से कहा कि तुम्हारी पीठ पूरी तरह से जाम हो गई है। तुम्हारे मल्टीपल डिस्क एक-दूसरे से जुड़ गए हैं। इसी कारण से डॉक्टर ने रोहिताश को मुंबई छोड़कर जाने के लिए कहा क्योंकि उस समय मौसम का हाल काफी बेहाल था। डॉक्टर की बात सुनकर रोहिताश भी काफी डर गए थे और एक्टर काफी समय तक मुंबई छोड़ दिल्ली आकर रहे। इसके बाद रोहिताश वापस से मुंबई आए। एक्टर ने वीर सावरकर, लापतागंज, जय हनुमान और भाभी जी घर पर हैं जैसे शोज और फिल्मों में शानदार काम किया है।