एस एस राजामौली के निर्देशन में बनी फिल्म 'आरआरआर' ने अपने गाने 'नाटू-नाटू' के लिए ऑस्कर जीत भारत को गौरवान्वित किया है। जहां इस जीत पर सभी भारतवासियों ने खुशी जाहिर की। तो वहीं, नेटिजन्स ने इसकी जीत पर सवाल खड़ा करते हुए अफवाह फैलानी शुरू कर दी। कुछ रिपोर्ट में दावा किया गया कि, एस एस राजामौली ने यह अवॉर्ड अपने नाम करने के लिए 80 करोड़ रुपये की भारी-भरकम धनराशि खर्च की। दूसरों ने यह तक कहा कि ऑस्कर में भाग लेने के लिए आरआरआर की टीम ने लाखों रुपये खर्च किए। वहीं, अब इन अफवाहों पर एस एस राजामौली के बेटे कार्तिकेय ने चुप्पी तोड़ते हुए बड़ा बयान दिया है।
आरआरआर के निर्देशक एसएस राजामौली के बेटे, एस एस कार्तिकेय ने फिल्म के ऑस्कर अभियान के लिए खर्च की गई धनराशि पर चुप्पी तोड़ी और रिपोर्ट्स को महज कोरी अफवाह करार दिया। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कार्तिकेय ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि ऐसी अफवाह क्यों है कि आरआरआर टीम ने ऑस्कर अभियान के लिए बहुत पैसा खर्च किया है। हम निश्चित तौर पर ऑस्कर के लिए प्रचार करना चाहते थे क्योंकि दर्शकों को फिल्म पसंद आई थी। हमने प्रचार बजट के अनुसार खर्च किया। हमने सब कुछ योजना के अनुसार किया।'
कार्तिकेय ने अपनी बात में आगे जोड़ा, 'यह एक बड़ा मजाक है कि अगर हम पैसे दें तो हम ऑस्कर खरीद सकते हैं। 95 साल के लंबे इतिहास के साथ, यह एक संस्था है। वहां सब कुछ एक प्रक्रिया के तहत होता है। मैं केवल एक ही बात कह सकता हूं- क्या हम प्रशंसकों का प्यार खरीद सकते हैं? हम फिल्म के बारे में स्टीवन स्पीलबर्ग और जेम्स कैमरून के शब्दों को नहीं खरीद सकते, क्या हम? प्रशंसकों ने हमें बहुत पब्लिसिटी दी है।'
कार्तिकेय ने आरआरआर के अभियान के लिए खर्च की गई असली धनराशि का खुलासा करते हुए कहा, 'पश्चिम में, हॉलीवुड फिल्म निर्माता ऑस्कर अभियान के लिए कई स्टूडियो का रुख करते हैं। हमारे पास वह मौका नहीं था। अभियान के लिए बजट 5 करोड़ था जो हमें बहुत अधिक लग रहा था। हमने इसे उतना कम करने की कोशिश की जितना कर सकते थे। हम इसे तीन चरणों में खर्च करना चाहते थे। पहले चरण में, हमने 3 करोड़ रुपये खर्च किए। नामांकन के बाद, हमने बजट बढ़ाया। हमने सोचा कि पूरे अभियान के लिए यह 5-6 करोड़ रुपये होगा। लेकिन आखिरी में यह 8.5 करोड़ रुपये हो गया था, क्योंकि न्यूयॉर्क और लॉस एंजिल्स में स्क्रीनिंग की जानी थी।'
कार्तिकेय ने ऑस्कर में सीट के लिए लाखों रुपये खर्च किए जाने की रिपोर्ट पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा, 'जूनियर एनटीआर, राम चरण, प्रेम रक्षित, राहुल सिपलीगंज और कला भैरव को ऑस्कर समिति ने आमंत्रित किया था। नामांकन में कीरावनी और चंद्र बोस थे। उनके अलावा जो नामांकन में हैं या समिति के जरिए बुलाए गए हैं, उन्हें ऑस्कर टिकट खरीदना होता है। इसके लिए नॉमिनी को ऑस्कर कमेटी को एक ई-मेल भेजना होता है।कीरावनी ने हमारे परिवार के लिए ऑस्कर को ई-मेल किया और सब कुछ चेक करने के बाद उन्होंने मेल का जवाब दिया और एक लिंक भेजा। इसलिए, हमने प्रत्येक टिकट 1500 डॉलर में खरीदा। यह सब आधिकारिक तौर पर हुआ है।'