एक्ट्रेस जरीना वहाब 70 और 80 के दशक की 'चितचोर' और 'गोपाल कृष्ण' जैसी फिल्मों में यादगार एक्टिंग के लिए जानी जाती हैं। जरीना का जन्म 17 जुलाई 1956 को आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में हुआ था। जरीना के फिल्मों में आने की कहानी काफी रोचक है। उनके जन्मदिन पर जानते हैं उनकी जिंदगी से जुड़ी खास बातें।
जरीना वहाब ने पुणे स्थित फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का विज्ञापन देखा और एडमिशन के लिए आवेदन किया। जरीना का एडमिशन भी हो गया जिससे उनकी राह बॉलीवुड के लिए आसान हो गई हालांकि उस दौर में हीरोइन का गोरा होना पहली अनिवार्य शर्त होती थी। सांवले रंग की वजह से जरीना को कई जगह रिजेक्ट भी कर दिया गया था।
कहा जाता है जरीना वहाब फिल्म में रोल के लिए एक बार राज कपूर से भी मिलने गईं लेकिन राज कपूर ने जरीना को देखकर कह दिया था कि वो कभी हीरोइन नहीं बन सकती हैं। डायरेक्टर ऋषिकेश मुखर्जी अपनी फिल्म 'गुड़्डी' के लिए जरीना को लेना चाहते थे लेकिन आखिरी वक्त में यह रोल जया बच्चन को मिल गया। प्रतिभा होते हुए भी काम नहीं मिलने से जरीना काफी निराश हो चुकी थीं।
एक दिन जरीना को पता चला कि देव आनंद अपनी नई फिल्म 'इश्क, इश्क, इश्क' के लिए एक नए चेहरे की तलाश कर रहे हैं। बस फिर क्या था वो सीधे महबूब स्टूडियो पहुंचीं और ऑडीशन दिया। फिल्म में जरीना को जीनत अमान की बहन का रोल मिला था हालांकि फिल्म बुरी तरह फ्लॉप रही और इसका उन्हें कोई लाभ नहीं मिला। जरीना को राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म 'चितचोर' से पहचान मिली। इसके बाद वो 'घरौंदा', 'अनपढ़', 'सावन को आने दो', 'नैया', 'सितारा' और 'तड़प' जैसी फिल्मों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में सफल रहीं।
फिल्म 'कलंक का टीका' के सेट पर साल 1986 में जरीना की मुलाकात आदित्य पंचोली से हुई थी। पहली ही मुलाकात से दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे और 20 दिन बाद ही दोनों ने शादी कर ली। शादी के वक्त कईयों ने ये कहा कि यह शादी ज्यादा दिनों तक टिकेगी नहीं लेकिन जरीना ने अपने परिवार को बखूबी संभाला। जरीना और आदित्य पंचोली के दो बच्चे हैं, सना और सूरज, जो कि बॉलीवुड में सक्रिय हैं।