ऋषिकेश मुखर्जी की पहचान एक ऐसे निर्देशक की थी जो किसी भी एक्टर को शूट किए जाने वाले सींस की जानकारी नहीं देते थे यानि किसी को भी ये नहीं पता होता था कि अगले सीन में उसे क्या रोल मिलने वाला है, बस कॉस्ट्यूम एक्टरों को थमा दी जाती थी।
फिल्म 'चुपके चुपके' में ऋषि दा के साथ काम कर रहे अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र को ऋषि दा की इस आदत के बारे में पता नहीं था और इसी की वजह से उन्हें ऐसी डांट पड़ी कि दोनों के मुंह लटक गए।
दरअसल एक सीन शूट किया जाना था जिसमें असरानी सेंट्रल कैरेक्टर थे। असरानी को सीन के दौरान सूट पहनने के लिए दिया गया जबकि धर्मेंद्र को एक ड्र्राइवर के कपड़े। अब ये माजरा किसी को समझ नहीं आया। एक तरफ धर्मेंद्र सोच में थे तो वहीं दूसरी तरफ अमिताभ..जबकि ऋषि दा सेट पर आराम से चेस खेलने में मग्न थे।
जब जिज्ञासा शांत ना हुई तो धर्मेंद्र ने असरानी से पूछ ही लिया, 'क्यों, मैं तुम्हारा ड्राइवर बना हूं क्या ? क्या चल रहा है ? तुम्हें सूट और मुझे ड्राइवर के कपड़े क्यों ? असरानी ने कहा कि पता नहीं। ऋषि दा दोनों की बातें सुन रहे थे और उन्हें ऐसे बतलाते देख ऋषि दा ने धर्मेंद्र को जोर से आवाज लगाई और कहा, 'ऐ धरम, असरानी से क्या पूछ रहे हो ? सीन के बारे में पूछ रहे हो ? अगर कहानी की इतनी ही समझ होती तो तुम आज हीरो होते ?
इतना सुनते ही धर्मेंद्र बिल्कुल चुप हो गए।
तब तक अमिताभ बच्चन को धर्मेंद्र के साथ हुए इस वाकये के बारे में जानकारी नहीं थी और उन्होंने भी अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए असरानी से सूट वाला माजरा पूछ ही लिया और कहा, 'तुम आज सूट में कैसे ? किसका ऑफिस है ये सेट पर ?