कोरोना काल में सोनू सूद को प्रवासी मजदूरों का मसीहा कहा जाने लगा। लॉकडाउन शुरू होने के बाद सोनू सूद देश के अलग अलग राज्यों में फंसे मजदूरों, छात्रों सहित अन्य जरूरतमंदों को उनके घर पहुंचाने का काम करते दिखे। हालांकि बीच बीच में उनके काम पर कई लोगों ने सवाल भी उठाए और कहा गया कि बगैर राजनीतिक मदद के यह संभव नहीं है। अब एक बार से सोनू सूद के एक ट्वीट पर उन्हें ट्रोल किया जा रहा है। ट्रोल करने वालों का कहना है कि मदद के बहाने सोनू सूद खुद का प्रचार कर रहे हैं।