लॉकडाउन में सड़क पर सैकड़ों किलोमीटर चलकर अपने घर जा रहे मजदूरों को देख किसका कलेजा नहीं फट जाता होगा। अंतरात्मा झकझोरती है और भड़ास अंगूठे और अंगुलियों से निकलकर मोबाइल पर टाइप करते ही निकल जाती है। और फिर किया भी क्या जा सकता है? इस मुश्किल वक्त में लोगों ने अपने काम चुन लिए हैं। कुछ सिर्फ चीख रहे हैं तो वहीं कुछ जमीन पर उतरकर चुपचाप ऐसा काम कर रहे हैं, जिससे हजारों लोग अपने घर की दहलीज तक पहुंच चुके हैं। दूसरे लोगों में सबसे पहला नाम सोनू सूद का है।