बॉलीवुड के एक ऐसे शायर जिन्होंने समाज के संवेदनशील मुद्दों पर बात की और गाने भी लिखे। जिनकी रचनाएं आज भी उतनी ही जीवंत हैं जितनी उस दौर में थीं। हम बात कर रहे हैं मशहूर शायर और गीतकार साहिर लुधियानवी की। साहिर का जन्म 8 मार्च 1921 को लुधियाना में हुआ। साहिर लुधियानवी का असली नाम अब्दुल हयी साहिर है। हालांकि इनके पिता बहुत धनी थे पर माता-पिता में अलगाव होने के कारण उन्हें मां के साथ रहना पड़ा और गरीबी में दिन गुजारे । साहिर की शिक्षा लुधियाना के खालसा हाई स्कूल में हुई। 59 साल की अवस्था में 25 अक्टूबर 1980 को दिल का दौरा पड़ने से साहिर लुधियानवी का मुंबई में निधन हो गया।
अभी ना जाओ छोड़कर ये दिल अभी भरा नहीं
1961 में आई फिल्म 'हम दोनों' का ये गीत-'अभी ना जाओ छोड़कर ये दिल अभी भरा नहीं' सुपरहिट हो गया था। इसके लिरिक्स साहिर लुधियानवी के थे। इस फिल्म में देवानंद और साधना लीड रोल में थे।
तदबीर से बिगड़ी हुई तकदीर
गुरु दत्त के निर्देशन में बनी फिस्म 'बाजी' का गीत 'तदबीर से बिगड़ी हुई तकदीर बना ले' भी खूब मशहूर हुआ। इसको भी साहिर लुधियानवी ने लिखा था।
तुझको पुकारे मेरा प्यार
1968 में आई 'नील कमल' फिल्म का गीत 'आजा तुझको पुकारे मेरा प्यार' ने जवां दिलों की धड़कनेें बढ़ा दी थीं और साहिर को हर दिल अजीज बना दिया। इसे गाया था मोहम्मद रफी ने।
मेरे भैय्या मेरे चंदा
'काजल' फिल्म का गीत 'मेरे भैय्या मेरे चंदा' सदाबहार गीतों में से एक है। जो रक्षाबंधन जैसे त्योहार पर अमर हो गया। इसकी भी लिरिक्स साहिर की ही थी। इसे आशा भोसले ने गाया था।