सुपरस्टार रवि किशन ने भोजपुरी से लेकर बॉलीवुड तक में अपनी दमदार अदाकारी का जलवा बिखेरा है। इसके साथ ही वह राजनीति में भी अपना सफल करियर बना चुके हैं। भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार होने के कारण अभिनेता के अंदर अहंकार आ गया था। इस बात का खुलासा रवि ने खुद किया है। साल 2012 में रिलीज हुई अनुराग कश्यप की फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' बॉलीवुड की सुपरहिट फिल्म थी, जिसमें मनोज बाजपेयी से लेकर नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी और पंकज त्रिपाठी जैसे दिग्गज कलाकार थे। इस फिल्म में रवि को भी रोल ऑफर किया गया था, लेकिन अपने घमंड में चूर होने की वजह से वह इस फिल्म से हाथ धो बैठे।
इस बारे में बात करते हुए रवि ने कहा कि मैं दूध से नहाता था और गुलाब की पंखुड़ियों पर सोता था। मुझे लगता था कि मैं एक अभिनेता हूं और यह सब बहुत जरूरी है। लोग जब आपको अल पचीनो और रॉबर्ट डी नीरो की फिल्में दिखाते हैं तो बोलते हैं कि यह एक्टर्स ऐसा करते थे, तुम भी करो। मुझे गॉडफादर फिल्म 500 बार दिखाई गई और मैं ठहरा देसी नस्ल का कलाकार। मैंने ये सब नाटक किए थे, क्योंकि इससे माहौल बनता है। मुझे लगता था कि मैं दूध से नहा कर जाऊंगा तो चर्चा रहेगी कि यह दूध से नहाता है।
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रवि किशन ने अपने अहंकार के बारे में बात करते हुए बताया कि यह उनके अंदर कहां से आया था। उन्होंने कहा कि अचानक आप फकीरियत से आते हैं और कुछ बड़ा पा लेते हैं और आप चकाचौंध मुंबई मायानगरी में हैं तो आपको होश खोने में समय नहीं लगता। मुंबई तुरंत आपको माया के जाल में फंसा लेती है। हर जगह से पैसे बरस रहे होते हैं। आप जहां जाते हैं तो लोग फोटो लेते हैं। शुरुआती दौर में अभी-अभी मैं सुपरस्टार बना था तो मैं भी अहंकार में डूब गया था।
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