हिंदी सिनेमा के चोटी के सितारों में अपनी जगह तेजी से बनाने में कामयाब होते दिख रहे अभिनेता कार्तिक आर्यन इन दिनो अपनी फिल्म 'फ्रेडी' को लेकर चर्चा में हैं। सीधे ओटीटी पर रिलीज होने जा रही इस फिल्म के बारे में कार्तिक आर्यन कहते है कि इस फिल्म के लिए उन्हें बहुत सारी तैयारियां करनी पड़ीं। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान उनके लिए ऐसा अनुभव रहा है जैसे कि वह फिर से स्कूल लौट आए हों। कार्तिक आर्यन ने ही इस साल अपनी फिल्म ‘भूल भुलैया 2’ से हिंदी सिनेमा को नई संजीवनी दी और उनकी एक और फिल्म ‘शहजादा’ का टीजर भी हाल ही में उनके जन्मदिन पर रिलीज हो चुका है। कार्तिक आर्यन से एक संक्षिप्त मुलाकात..
'फ्रेडी' के लिए आप को क्या क्या तैयारियां करनी पड़ी हैं?
इस तरह का किरदार पहले मैंने कभी नहीं निभाया है। मेरे लिए यह बहुत नया किरदार और चुनौतीपूर्ण किरदार है। शारीरिक और मानसिक रूप से यह स्तरीय और चुनौतीपूर्ण किरदार है। इस किरदार के लिए मुझे कैसे चलना है, किस तरह की बातें करना है, उसकी भाषा कैसी होगी, किस टोन में वह बात करेगा, इन सब चीजों के लिए मुझे सिखाने वाले रखे गए थे। यूं लग रहा था कि जैसे मेरी क्लासेस चल रही है। इन सब चीजों में थोड़ी मेहनत तो जरूर लगी लेकिन 'फ्रेडी' का किरदार उभर कर आया है।
फिल्म के ट्रेलर में एक मासूम से दिखने वाले चेहरे के पीछे एक खतरनाक चेहरा भी है, क्या कहना चाहेंगे इसके बारे में आप?
मैं इस फिल्म में डॉक्टर फ्रेडी गिनवाला की भूमिका निभा रहा हूं। इस हिसाब से 'फ्रेडी' फिल्म का शीर्षक रखा गया है। यह थोड़ा अलग किस्म का किरदार है। फ्रेडी एक ऐसा इंसान है जो अपनी जिंदगी में प्यार ढूंढ रहा है, थोडा सेंसिटिव है। अपनी बातें किसी से कह नही पाता है, अपनी जिंदगी में बहुत अकेलापन महसूस करता है। इसकी कहानी ऐसी है कि फ्रेडी कैसे बना? वैसे कहानी यह एक अच्छे डेंटिस्ट की है और कैसे उसकी जिंदगी में प्यार आता है और कैसी चुनौतियां आती हैं और वह कहानी आगे कहां तक पहुंचती है, यह आपको फिल्म में देखने को मिलेगा।
आप को खुद थ्रिलर फिल्में कितनी पसंद हैं, 'फ्रेडी' की तैयारी के लिए आपने भी तो थ्रिलर फिल्में देखी होगी ?
ऐसा नहीं है कि इस फिल्म के लिए मुझे खास तौर पर कोई फिल्म देखनी पडी, वैसे भी मैं थ्रिलर फिल्में देखता रहता हूं। मैंने बहुत पहले 'गुप्त' और 'बाजीगर' देखी हैं लेकिन इस फिल्म के लिए कोई फिल्म नहीं देखी। 'फ्रेडी' को लेकर जब भी मेरी फिल्म के निर्देशक शशांक घोष से बात हुई, हमने अपना ये नजरिया बिल्कुल स्पष्ट रखा कि इस फिल्म के लिए हम कोई संदर्भ फिल्म नहीं बनेंगे। हमने अपने आप से कुछ नया करने की कोशिश की है, देखते हैं कि हम कहां तक जा सकते हैं!
'भूल भूलैया 2' के बाद इंड्रस्टी का आपके प्रति नजरिया कितना बदला है और आप की जिम्मेदारी कितनी बढ़ गई है?
मेरी जिम्मेदारी तो शुरू से रही है कि अच्छी फिल्में करूं और वह आगे भी करते रहना चाहता हूं। लेकिन हां, 'भूल भूलैया 2' के बाद निश्चित रूप से लोगों का नजरिया बदला है। 'भूल भूलैया 2' मेरे लिए गेम चेंजर साबित हुई है और उस फिल्म ने मुझे पहले से अच्छी परिस्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है।