आप मंझे हुए अभिनेता हैं, खुद लिखते हैं, एक निर्देशक भी हैं, ऐसे में जब कोई नया निर्देशक आपको किसी कहानी के किरदार में ढालना चाहता है तो आपके लिए कहीं कोई दिक्कत आती है?
जब मैं एक अभिनेता के रूप में काम करने जा रहा होता हूं तो मैं निर्देशक की टोपी उतारकर सेट पर आता हूं। फिल्म बुलबुल के दौरान मैंने इसकी निर्देशक अन्विता दत्त से मैंने एक भी बार भी ये नहीं पूछा कि फिल्मिंग क्या है? या फिर इस सीन को क्या हम इस तरह से ले सकते हैं? कुछ नहीं। मैं किसी भी निर्देशक के काम में दखलंदाजी नहीं करता हूं। मैं पूरी जिम्मेदारी निर्देशक पर छोड़ देता हूं। क्योंकि, मुझे पता है कि इस कहानी को लेकर उनका नजरिया कुछ अलग होगा और अन्विता को देखकर तो मुझे कभी लगा ही नहीं कि यह किसी भी फिल्म को पहली बार निर्देशित कर रही हैं।
जब मैं एक अभिनेता के रूप में काम करने जा रहा होता हूं तो मैं निर्देशक की टोपी उतारकर सेट पर आता हूं। फिल्म बुलबुल के दौरान मैंने इसकी निर्देशक अन्विता दत्त से मैंने एक भी बार भी ये नहीं पूछा कि फिल्मिंग क्या है? या फिर इस सीन को क्या हम इस तरह से ले सकते हैं? कुछ नहीं। मैं किसी भी निर्देशक के काम में दखलंदाजी नहीं करता हूं। मैं पूरी जिम्मेदारी निर्देशक पर छोड़ देता हूं। क्योंकि, मुझे पता है कि इस कहानी को लेकर उनका नजरिया कुछ अलग होगा और अन्विता को देखकर तो मुझे कभी लगा ही नहीं कि यह किसी भी फिल्म को पहली बार निर्देशित कर रही हैं।