हिंदी फिल्मों में काम करने वाले बहुत से ऐसे कलाकार हैं जो फिल्मों में छोटी मोटी भूमिका निभाकर अपना गुजारा कर रहे हैं। जब काम चल रहा था, तब तो इन्हें समय समय पर कहीं न कहीं से काम मिलता रहता था। लेकिन, जब से लॉकडाउन के चलते फिल्मों की शूटिंग्स पर ताला लगा है, तब से ऐसे कलाकारों और उनके परिवारों की भूखे मरने की नौबत आ गई है।
ऐसे ही एक कलाकार हैं सोलंकी दिवाकर। कहने को तो इन्होंने आयुष्मान खुराना की 'ड्रीम गर्ल' जैसी फिल्म में काम किया है लेकिन देखने वाले की इनपर नजर शायद ही पड़ी होगी। सोलंकी दिवाकर लोगों की नजर में तब आए जब उन्हें दिल्ली की सड़कों पर रिक्शा खींचकर फल बेचते हुए पाया गया।
सोलंकी उन हजारों संघर्षशील अभिनेताओं में से एक हैं जिन्हें फिल्मों में छोटे-मोटे किरदार करने वाले जूनियर आर्टिस्ट के रूप में जाना जाता है। कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन के बाद यह अभिनेता कलाकारी छोड़कर अब सड़कों पर फल बेचने के लिए मजबूर है। इस दुनिया में अगर सोलंकी दिवाकर अकेले होते तो शायद कुछ ना करते और टालमटोल करके लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार करते। लेकिन, यह 35 वर्षीय कलाकार शादीशुदा है और उसके दो बच्चे भी हैं।
हालांकि, फिर भी सोलंकी दिवाकर का मानना है कि कोई भी काम छोटा बड़ा नहीं होता और वह इस काम के साथ भी खुश हैं। एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'मुझे अपनी और अपने परिवार की जरूरतों का ख्याल रखना है। जिस मकान में मैं रहता हूं मुझे उसका किराया देना है और अपने परिवार का पेट भी पालना है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए मैं हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठे रह सकता। इसलिए, मैंने फल बेचना शुरू कर दिया है।'
काम को लेकर भी सोलंकी के बहुत अच्छे विचार हैं। उनका मानना है कि अगर कोई एक्टिंग करना शुरू कर देता है तो ऐसा नहीं है बाकी के काम करने के उसके सारे रास्ते बंद हो जाते हैं। वह बताते हैं कि अगर लॉकडाउन ना हुआ होता तो वह भी कहीं ना कहीं किसी फिल्म में काम ही कर रहे होते। सोलंकी के अनुसार वह तितली, कड़वी हवा, सोनचिड़िया, हल्का, ड्रीम गर्ल जैसी फिल्मों का हिस्सा रहे हैं। वह अभिनेता सैफ अली खान की आने वाली वेब सीरीज 'दिल्ली' में भी नजर आएंगे। उन्होंने बताया की सीरीज का नाम पहले 'तांडव' था और अब 'दिल्ली' हो गया है। हो सकता है कि आगे कुछ और हो जाए।