मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, जो पूरी जिंदगी अकेले गुजारने में सक्षम नहीं होता है। जिस तरह हमें जीने के लिए समाज की जरूरत होती है, उसी तरह पूरी जिंदगी गुजारने के लिए एक जीवनसाथी की जरूरत पड़ती है ताकि हम उसका साथ पाकर अपने जीवन में आने वाली हर बाधाओं और समस्याओं से पार पा सकें। भारत जैसे देश में शादी को एक पवित्र और अटूट गठबंधन की तरह देखा जाता है। कई बार लड़के और लड़की के बालिग होने के बावजूद शादी के बीच जातिगत या धर्म संबंधी विवाद भी देखने को मिलते हैं, जिनसे उनकी शादी नहीं हो पाती है या शादी के पहले और बाद में उन्हें कई तरह की सामाजिक अड़चनों का सामना करना पड़ता है।
देश में एक बालिग लड़का-लड़की को शादी करने को लेकर कई अधिकार भी दिए गए हैं। आइए पढ़ते हैं आगे...
देश में एक बालिग लड़का-लड़की को शादी करने को लेकर कई अधिकार भी दिए गए हैं। आइए पढ़ते हैं आगे...