Diet Plan for Preparation of Board Exam: हर साल किसी के बच्चे कक्षा 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा तो किसी के बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेते हैं। स्कूली छात्रों की फरवरी और मार्च में होने वाली परीक्षाओं को लेकर साल भर बच्चों और अभिभावकों के दिमाग में टेंशन बनी रहती है। जैसे-जैसे परीक्षा नजदीक आ रही है, बच्चे पूरी तरह से अपनी पढ़ाई और तैयारी में जुट गए हैं। ऐसे में सेहत बिगड़ने का डर है। इसलिए, जरूरी है कि ऐसे बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ अपनी सेहत का भी विशेष ध्यान रखें। इतना ही नहीं, माता-पिता और अभिभावकों की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि वे बच्चों के रहन-सहन और खान-पान पर विशेष ध्यान दें। आज हम आपको लखनऊ की जानी-मानीं न्यूट्रिशियनिस्ट डॉ नम्रता सहाय के कुछ ऐसे टिप्स बताने जा रहे हैं जो बोर्ड परीक्षा से पहले बच्चों को तन और मन दोनों से स्वस्थ रहने में मदद करेंगे। जिससे परीक्षा अवधि में बच्चों का स्वास्थ्य खराब नहीं होगा। प
Preparation of Board Exam डाइट पर दें ध्यान
डॉ नम्रता सहाय बताती हैं कि परीक्षा के दौरान छात्र अक्सर खाने-पीने से परहेज करने लगते हैं। वे कम खाने की कोशिश करते हैं क्योंकि अधिक खाने से नींद आती है। जबकि एकाग्रता बढ़ाने में आहार की विशेष भूमिका होती है। चिंता-तनाव जैसे विकार दूर रहें, इसके लिए जरूरी है कि आपका आहार सात्विक हो। ऐसे में ये कई जरूरी पोषक तत्वों और विटामिन्स की कमी का शिकार हो सकते हैं। इसलिए परीक्षा दे रहे बच्चों को सलाद, फल, सब्जियों का सूप, दूध जरूर दें। अगर नॉनवेज लेते है तो अंडे और मछली आदि भी दे सकते हैं।
Preparation of Board Exam ज्यादा चाय-कॉफी न पिएं
डॉ नम्रता के अनुसार, ओमेगा-3 फैटी एसिड और फाइबर से भरपूर आहार का सेवन करना बेहतर माना जाता है। आहार की पौष्टिकता के साथ इसके सेवन के समय पर भी ध्यान रखें, रात में जल्दी भोजन करें, क्योंकि शाम के समय मेटाबॉलिज्म की दर कम होती है। भोजन हल्का करें, भारी आहार आपमें आपको सुस्ती बढ़ा देते हैं। ज्यादा सोने या पूरी रात पढ़ाई करने हेतु खुद को रिफ्रेश करने के लिए लगातार चाय- कॉफी का सेवन किया जाता है। लेकिन, ज्यादा कॉफी पीने से न्यूरोट्रांसमीटर पर भी असर पड़ता है। इससे भूख कम लगती है, पाचन संबंधी शिकायतों में वृद्धि होती है और पेट की समस्याएं बढ़ती हैं। इसलिए बच्चों को ज्यादा चाय - कॉफी न पिलाएं।
Preparation of Board Exam पर्याप्त नींद लें
इसके अलावा परीक्षा की तैयारियों में जुटे छात्रों के लिए बेहतर नींद भी बहुत आवश्यक है, अक्सर बच्चे इसे अनदेखा कर देते हैं। नींद की कमी आपकी एकाग्रता को प्रभावित कर देती है। हालांकि, पढ़ाई के लिए जागना जरूरी है, लेकिन बच्चों को दिमाग शांत रखने के लिए भी अच्छी नींद की जरूरत होती है। पर्याप्त नींद से बच्चों के दिमागी स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह अध्ययन किए गए को याद रखने में मदद करता है। इसलिए पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों की नींद पर भी विशेष ध्यान दें। कई बार बच्चे बेफिक्र रहने के लिए परीक्षा को लेकर ज्यादा चिंतित रहते हैं।
Preparation of Board Exam बच्चों को तनाव न दें
ऐसे में लगातार पढ़ना और बाद में सोचना उनके मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। जैसे बच्चों पर पढ़ाई के लिए जिद पूर्वक दबाव बनाने की कोशिश की जाती है, वह गलत है। बच्चों को चिल्लाकर तनाव न दें क्योंकि वे पहले से ही परीक्षा के तनाव में हैं। उन्हें टेंशन से दूर रखना बेहद जरूरी है। साथ ही उन्हें कम से कम 30 मिनट के लिए बाहर खेलने के लिए कहें। माता-पिता और अभिभावक भी अपने आपसी तनाव और झगड़ों से बच्चों को दूर ही रखें, क्योंकि इन सबसे उनके मन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।