लोक कल्याण मार्ग सालों पूर्व रेस कोर्स रोड नाम से जाना जाता था। लुटियन दिल्ली का यह रोड देश की राजनीति प्रमुख धुरी रहा है। यहां निवास करने वाली शख्सियतों के हाथ में देश के 135 करोड़ भारतीयों के भविष्य की बागडोर होती है। कोरोना महामारी के दौर में केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के कारण देश की सियासत में इसका जिक्र भी जोर-शोर से होता रहा, और हो भी क्यों नहीं आखिर देश के प्रधानमंत्री का निवास यहीं सात, लोक कल्याण मार्ग ही तो है।
दरअसल, सेंट्र्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत नए त्रिकोणीय संसद भवन, केंद्रीय सचिवालय, राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच तीन किलोमीटर लंबे राजपथ का सौंदर्यीकरण कार्य के साथ ही प्रधानमंत्री तथा उपराष्ट्रपति के नए आवासों का निर्माण किया जा रहा है। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के अनुसार, महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत नए प्रधानमंत्री आवास का निर्माण दिसंबर 2022 तक पूरा हो जाने की उम्मीद थी, लेकिन इसमें कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन से देरी हुई।
यानी जल्द ही प्रधानमंत्री के कार्यकाल में नया बंगला तैयार हो जाएगा। हालांकि, प्रधानमंत्री अभी 80 के दशक में बने तत्कालीन रेस कोर्स के बंगले में रहते हैं। अब लोक कल्याण मार्ग स्थित इन परिसर में अब तक कई प्रधानमंत्रियों ने अपना डेरा डाला है। कोई पांच साल तो कोई 10 साल तक यहां रहा है। इस बंगले में कई सारी ऐसी बातें हैं जो आम आदमी नहीं जानते। आइए आपको बताते हैं यहां के रोचक तथ्य ...
बंगले में एक नहीं पांच बंगले
नरेंद्र मोदी पहली बार प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद 26 मई, 2014 से इस सरकारी बंगले में रह रहे हैं। मध्य दिल्ली में स्थित यह प्रधानमंत्री आवास 12 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है। खास बात यह है कि साल, लोक कल्याण मार्ग या पूर्ववर्ती 7, रेस कोर्स नाम से जाने जाने वाले इस प्रधानमंत्री आवास में एक नहीं कुल पांच बंगले हैं। हालांकि, इसे एक साथ प्रधानमंत्री आवास 7, लोक कल्याण मार्ग कहा जाता है। यह भवन 1980 में बनकर तैयार हुआ था। इनमें प्रधानमंत्री कार्यालय और निवास के अलावा सुरक्षाबल एसपीजी आवास कक्ष और गेस्ट हाउस भी शामिल हैं।
ब्रिटिश वास्तुकार ने बनाया था नक्शा
1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी सबसे पहले इस रहने आए थे। हालांकि, तब से इस बंगले को सेवन आरसीआर यानी सेवन रेसकोर्स कहा जाता था। लेकिन क्या जानते हैं भारतीय प्रधानमंत्रियों का आवास बनने वाले इस बंगले का नक्शा ब्रिटिश वास्तुकार रॉबर्ट टॉर रसेल ने बनाया था। रसेल 1920 और 1930 के दशक के दौरान नई दिल्ली का नक्शा तैयार कर रहे ब्रिटिश वास्तुकार एडविन लुटियन की टीम में शामिल थे। जब वीपी सिंह प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने इसे आधिकारिक तौर पर प्रधानमंत्री का सरकारी निवास घोषित कर दिया था।
हेलीपैड से लेकर गेस्ट हाउस तक है बंगले में
प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास के तहत आवास को भले ही सात, लोक कल्याण मार्ग के नाम से जाना जाता है। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच नंबर के बंगले में रहते हैं। इस परिसर में पांच नंबर के अलावा, 1, 3, 7 और 9 नंबर के बंगले भी हैं। इन बंगलों में दो बेडरूम, एक और रूम के अलावा एक डाइनिंग रूम और एक ड्रॉग रूम है। इस ड्रॉइंग रूम में एकसाथ 30 लोग बैठ सकते हैं। वर्तमान में बंगला नंबर - 7 में प्रधानमंत्री का कार्यालय है। बंगला नंबर - 9 में प्रधानमंत्री की सुरक्षा और बाकी प्रोटोकॉल की जिम्मेदारी संभाल रहे एसपीजी जवान रहते हैं। बंगला नंबर- 3 प्रधानमंत्री के अतिथियों के लिए गेस्ट हाउस है तो वहीं, बंगला नंबर-1 पर प्रधानमंत्री के लिए हेलीपैड बना हुआ है।