फेसबुक पर दोस्ती से लेकर खुद की मौत का स्वांग रचने और सिलसिलेवार हत्या की साजिश की खूनी पटकथा में कदम-कदम पर धोखा था। हर किरदार एक दूसरे को धोखा दे रहा था। ग्रेटर नोएडा के दादरी के बढ़पुरा गांव की पायल और उसके फेसबुक फ्रेंड अजय को पुलिस ने गिरफ्तार इस कहानी का अंत कर दिया। अन्यथा धोखे और खूनी साजिश का सिलसिला जारी रह सकता था। पायल से विवाह करने की खातिर हेमा की जान लेने वाले अजय ठाकुर ने न केवल अपनी पत्नी दो बच्चों और परिवार को धोखा दिया था बल्कि वह भी अपने विवाहित होने की बात छिपाकर पायल को धोखा दे रहा था। गिरफ्तारी के बाद बिसरख कोतवाली में आकर ही पायल को अजय के विवाहित और दो बच्चों के पिता होने की बात पता चली।
धोखे और खूनी साजिश की शुरुआत दादरी के बढ़पुरा गांव में पायल भाटी के भाई अरुण भाटी व परिवार को छोड़कर मायके जाने से शुरू होती है।
पायल के भाई के ससुराल पक्ष के चरित्र पर उंगली उठाने और दुष्कर्म के झूठे केस में फंसाने की धमकी देने पर ही पायल के पिता रविंद्र कुमार और मां केश ने सुसाइड नोट लिखकर खुदकुशी की थी।
रिपोर्ट दर्ज कराने के बावजूद पुलिस की कार्रवाई से पायल संतुष्ट नहीं थी। तभी उसने माता-पिता को खुदकुशी के लिए विवश करने वाले आरोपियों को सजा दिलाने के लिए साजिश रची थी।
उसने फेसबुक फ्रेंड अजय से जब बातचीत शुरू की तो उसने पायल भाटी को अपना नाम अजय भाटी बताया था। हालांकि दोनों अलग-अलग बिरादरी से ताल्लुक रखते थे।