पिछले कुछ दिनों से बहुत खराब श्रेणी में नीचले स्तर पर बनी हुई दिल्ली की हवा शुक्रवार को 48 अंकों की बढ़ोतरी के साथ फिर बिगड़ गई। वहीं, दिल्ली-एनसीआर में शामिल गाजियाबाद, नोएडा ग्रेटर व नोएडा की हवा गंभीर श्रेणी में पहुंच गई। शनिवार सुबह तक दिल्ली की हवा गंभीर श्रेणी में भी पहुंच सकती है। हालांकि, शाम तक इसमें सुधार होने की संभावना है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, शुक्रवार को राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 382 दर्ज किया गया। इससे एक दिन पहले यह 341, बुधवार को 373, मंगलवार को 367, सोमवार को 318, रविवार को 256, शनिवार को 236 व शुक्रवार को 137 रहा था।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु मानक संस्था सफर के अनुसार, पिछले 24 घंटों में दिल्ली के पड़ोसी राज्य हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में करीब 302 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज हुई हैं, हालांकि इससे उत्पन्न होने वाले पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 की प्रदूषण में कोई हिस्सेदारी दर्ज नहीं की गई, जबकि इससे एक दिन पहले 249 पराली जलाने की घटनाओं के साथ यह 2 फ़ीसदी और बुधवार को 316 घटनाओं के साथ 3 फ़ीसदी दर्ज की गई थी।
सफर के अनुसार, पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर में भी पिछले 24 घंटों में इजाफा हुआ है। इस कड़ी में पीएम 10 का स्तर 348 और पीएम 2.5 का स्तर 203 के साथ बहुत खराब श्रेणी में रहा है। इससे एक दिन पहले पीएम 10 का स्तर 270 और पीएम 2.5 का स्तर 170 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा था। पीएम 10 का स्तर 100 से कम पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम होने पर सुरक्षित श्रेणी में माना जाता है।
शुक्रवार को बढ़े हुए प्रदूषण की वजह से दिन भर दिल्ली- एनसीआर स्मॉग की चादर में दिखा। वहीं, लोगों को आंखों में जलन के साथ गले में खराश के दिक्कत भी हुई। सफर के अनुसार, शनिवार की सुबह तक प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में पहुंचने की संभावना है। हालांकि, शाम तक इसमें थोड़ा सुधार हो सकता है। इसके बाद वेंटिलेशन इंडेक्स के बेहतर होने की वजह से आगामी 6 और 7 दिसंबर को हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, शुक्रवार को राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 382 दर्ज किया गया। इससे एक दिन पहले यह 341, बुधवार को 373, मंगलवार को 367, सोमवार को 318, रविवार को 256, शनिवार को 236 व शुक्रवार को 137 रहा था।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु मानक संस्था सफर के अनुसार, पिछले 24 घंटों में दिल्ली के पड़ोसी राज्य हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में करीब 302 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज हुई हैं, हालांकि इससे उत्पन्न होने वाले पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 की प्रदूषण में कोई हिस्सेदारी दर्ज नहीं की गई, जबकि इससे एक दिन पहले 249 पराली जलाने की घटनाओं के साथ यह 2 फ़ीसदी और बुधवार को 316 घटनाओं के साथ 3 फ़ीसदी दर्ज की गई थी।
सफर के अनुसार, पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर में भी पिछले 24 घंटों में इजाफा हुआ है। इस कड़ी में पीएम 10 का स्तर 348 और पीएम 2.5 का स्तर 203 के साथ बहुत खराब श्रेणी में रहा है। इससे एक दिन पहले पीएम 10 का स्तर 270 और पीएम 2.5 का स्तर 170 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा था। पीएम 10 का स्तर 100 से कम पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम होने पर सुरक्षित श्रेणी में माना जाता है।
शुक्रवार को बढ़े हुए प्रदूषण की वजह से दिन भर दिल्ली- एनसीआर स्मॉग की चादर में दिखा। वहीं, लोगों को आंखों में जलन के साथ गले में खराश के दिक्कत भी हुई। सफर के अनुसार, शनिवार की सुबह तक प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में पहुंचने की संभावना है। हालांकि, शाम तक इसमें थोड़ा सुधार हो सकता है। इसके बाद वेंटिलेशन इंडेक्स के बेहतर होने की वजह से आगामी 6 और 7 दिसंबर को हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा।