श्रद्धा वालकर अपने एक दोस्त से गुरुग्राम, हरियाणा मिलने चली गई थी। इस बात पर आरोपी आफताब पूनावाला (28) ने अपना आपा खो दिया और उसने श्रद्धा वालकर की हत्या कर दी। ये खुलासा दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को कोर्ट में जो आरोप पत्र दाखिल किया है उससे खुलासा किया है।
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल करने के बाद मीडिया से भी ये बात कही है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि आरोपी आफताब ने श्रद्धा के शव के टुकड़े करने के लिए कई तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया था। इनमें से कुछ हथियार बरामद हो गए हैं। आरोपी पत्र दाखिल करने के बाद दिल्ली पुलिस ने कहा कि कोर्ट में ट्रायल के दौरान लगातार पैरवी के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।
दिल्ली पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त (दक्षिणी रेंज) मीनू चौधरी ने बताया कि श्रद्धा 17 मई को अपने एक दोस्त से मिलने गुरुग्राम चली गई थी। वह 18 मई को दोपहर में छत्तरपुर स्थित अपने फ्लैट पर पहुंची थी। इस बात पर दोनों में बहस हुई। बहस के बाद हुए झगड़े में आरोपी आफताब ने श्रद्धा की हत्या कर दी। उन्होंने बताया कि आरोप पत्र में 150 से ज्यादा गवाहों के बयान, मेडिकल रिपोटर्स, फोरेंसिक रिपोर्ट समेत तमाम दस्तावेज शामिल हैं। इस केस की जांच के लिए दक्षिण जिला डीसीपी चंदन चौधरी के देखरेख में एसआईटी का गठन करने अलावा नौ टीमों को गठन किया गया था। मामले की जांच के लिए टीमें महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा व दिल्ली में कई जगहों पर गई थीं। दिल्ली, गुरुग्राम व महाराष्ट्र से साक्ष्य जुटाए गए।
आफताब ने श्रद्धा के शव के कई टुकड़े किए। टुकड़ों को बरामद करने के लिए कई टीमें बनाई गईं। इस टीम का काम शव के हिस्सों को एकत्रित कर जांच के लिए लैब में भेजना था। आरोपी की निशानदेही पर शव के टुकड़े बरामद किए गए।
आरोपी से हर पहलू से पूछताछ की गई
संयुक्त पुलिस आयुक्त ने बताया कि आरोपी आफताब से हर पहलू से पूछताछ की गई। पूछताछ के लिए अलग-अलग कोण के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गईं। क्राइम सीन पर एफएसएल व सीएफएसएल की टीमों से निरीक्षण करवाया गया। साथ-साथ इस मामले में आरोपी का नारको और पॉलिग्राफी टेस्ट करवाया गया। डीएनए टेस्ट करवाए गए हैं। मीनू चौधरी ने बताया कि नारको टेस्ट की रिपोर्ट दिल्ली पुलिस की जांच से मेल खा रही है।
आरोप पत्र में डिजिटल साक्ष्य भी रखे गए हैं
संयुक्त पुलिस आयुक्त ने बताया कि आरोप आफताब के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र में डिजिटल साक्ष्य भी जुटाए गए हैं। इनमें सीसीटीवी कैमरे, लैपटॉप व मोबाइल आदि हैं। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज दिल्ली व गुरुग्राम से जुटाई गई हैं। डिजिटल साक्ष्यों का विश्लेषण किया गया है। जीपीए लोकेशन भी देखी गई है। उन्होंने बताया कि आरोपी को सजा दिलाने लिए ज्यादातर परिस्थिति जन्य साक्ष्य हैं। वैज्ञानिक तरीक से आरोपी के खिलाफ सबूतों को जुटाया गया है।