आफताब ने पुलिस को बताया कि उसने 18 मई को रात नौ बजे के करीब श्रद्धा की हत्या की, लेकिन उसके फोन रिकॉर्ड से पता चलता है कि उसने रात 10 बजे के आसपास खाना ऑर्डर किया था। इसलिए, पुलिस को लगता है कि वह या तो हत्या की तारीख के बारे में झूठ बोल रहा है या यह फिर उसने सुनियोजित तरीके से वारदात को अंजाम दिया था।
सूत्रों के मुताबिक, जांचकर्ता इस बात से हैरान थे कि एक व्यक्ति ने हत्या जैसे तनावपूर्ण कृत्य में लिप्त होने के बाद खाने के बारे में कैसे सोचा। पुलिस का कहना है कि आमतौर पर ऐसी परिस्थितियों में आरोपी अपनी प्यास बुझाने की बात भी नहीं सोचते हैं। जिसके चलते पुलिस को शक है कि वह या तो हत्या की तारीख के बारे में झूठ बोल रहा है या उसने पहले से ही इसकी योजना बनाई थी।
फूड डिलिवरी एप जौमेटो ने आफताब द्वारा फोन से मंगवाए गए खाने की रिपोर्ट पुलिस को सौंप दी है। जिसमें खुलासा हुआ है कि आफताब 18 मई से पहले दो लोगों का खाना मंगा रहा था और उसके बाद एक लोग के लिए वह खाना ऑर्डर करने लगा था। पुलिस ने आफताब की इंटरनेट हिस्ट्री के विवरण तक पहुंचने के लिए ईमेल, व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, गूगल, गूगल-पे, पेटीएम से भी संपर्क किया है।
जौमेटो की रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि मई के अंत में आफताब ने खाने का ऑर्डर देना कम कर दिया था। बताया जा रहा है कि आफताब ने कई एप के जरिए खाना ऑर्डर किया है। उधर, पुलिस ने डेटिंग ऐप से डिटेल मांगी है, जहां तीन साल पहले आफताब और श्रद्धा मिले थे।
आफताब अमीन पूनावाला का मंगलवार को पॉलिग्राफी टेस्ट पूरा हो गया। अब उसका रोहिणी स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में एक दिसंबर से नार्को टेस्ट किया जाएगा। दूसरी तरफ आफताब पर सोमवार को हुए हमले को देखते हुए रोहिणी स्थित फोरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) की मंगलवार को सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। एफएसएल की सुरक्षा में भारी संख्या में बीएसएफ व स्थानीय पुलिस को तैनात किया गया था।