पर्वत, जल धाराओं और कुंडों की पावन भूमि केदारनाथ से वासुकीताल होते हुए पैंया ताल पहुंचा जाता है। भू-वैज्ञानिकों ने भी इस ताल को नया बताया है। एक पखवाड़ा पूर्व जिले के दो युवक संदीप कोहली और तनुज रावत अपने दो साथियों के साथ केदारनाथ गए थे। वहां से ये लोग वासुकीताल पहुंचे, जहां उन्हें बलराम दास मिले। जो वहां एक गुफा में साधना कर रहे थे।