रविग्राम वार्ड के कोठेला क्षेत्र में एक साल से घरों में दरार आ रही हैं। कुछ घरों पर लाल निशान भी लगाए गए हैं, लेकिन प्रशासन की सूची में यहां कोई भी मकान असुरक्षित नहीं है। इससे लोगों में असमंजस की स्थिति है। जोशीमठ के रविग्राम वार्ड के कोठेला क्षेत्र में करीब 14 परिवार रहते हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां पर एक साल से भू-धंसाव होने पर घरों में दरार आनी शुरू हो गई थी। चार घरों पर लाल निशान लगाए गए हैं, उसके बावजूद भी इन भवनों को प्रशासन की सूची में असुरक्षित नहीं बताया गया है। दो घर तो ऐसे हैं जिनका ध्वस्तीकरण होना है। ऐसे में लोग इस बात से परेशान हैं कि इन घरों को असुरक्षित की श्रेणी में क्यों नहीं रखा गया है।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग
इस क्षेत्र में एक साल से घरों में दरार आनी शुरू हो गई थी। एक मकान इतना ज्यादा क्षतिग्रस्त हो गया कि वहां से परिवार किराए के भवन में चला गया। जबकि कुछ अन्य घरों पर भी प्रशासन ने लाल निशान लगाए हैं, दो घरों का ध्वस्तीकरण भी होना है, उसके बावजूद उनको असुरक्षित नहीं दिखाया जा रहा है। - आशीष भुजवाण , स्थानीय निवासी
स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां पर एक साल से भू-धंसाव होने पर घरों में दरार आनी शुरू हो गई थी। चार घरों पर लाल निशान लगाए गए हैं, उसके बावजूद भी इन भवनों को प्रशासन की सूची में असुरक्षित नहीं बताया गया है। दो घर तो ऐसे हैं जिनका ध्वस्तीकरण होना है। ऐसे में लोग इस बात से परेशान हैं कि इन घरों को असुरक्षित की श्रेणी में क्यों नहीं रखा गया है।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग
इस क्षेत्र में एक साल से घरों में दरार आनी शुरू हो गई थी। एक मकान इतना ज्यादा क्षतिग्रस्त हो गया कि वहां से परिवार किराए के भवन में चला गया। जबकि कुछ अन्य घरों पर भी प्रशासन ने लाल निशान लगाए हैं, दो घरों का ध्वस्तीकरण भी होना है, उसके बावजूद उनको असुरक्षित नहीं दिखाया जा रहा है। - आशीष भुजवाण , स्थानीय निवासी