कुंभ मेला क्षेत्र में किसी भी तरह की अप्रिय घटना को नाकाम करने के लिए पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम की मदद ली जाएगी। अत्याधुनिक तकनीक से न केवल सड़कों, पार्किंग स्थलों और घाटों पर श्रद्धालुओं व वाहनों के दबाव की सटीक जानकारी मिलेगी बल्कि लावारिस सामान और श्रद्धालुओं की गिनती भी हो सकेगी।
इसके अलावा चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए 1500 सीसीटीवी कैमरों की मदद ली जाएगी। कैमरों को कंट्रोल रूम से जोड़ने के लिए कुंभ पुलिस संचार विभाग की चार टीमें जुटी हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम कंट्रोल रूम को हर जानकारी देने के साथ मोबाइल पर अलर्ट आएगा। कुंभ में लाखों की संख्या में भीड़ उमड़ेगी और वाहनों का अत्यधिक दबाव होगा। भीड़ और यातायात संचालन सबसे बड़ी चुनौती होगी।
हरिद्वार कुंभ में पहली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम की मदद ली जाएगी। 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरों को इस अत्याधुनिक सिस्टम से जोड़े जाएंगे। जरूरत के हिसाब से लोकेशन बदली और पांच एप्लीकेशन फीड हो सकेंगे। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम से पहली बार श्रद्धालुओं की सटीक गिनती हो सकेगी। सेंसर हेड काउंट करेंगे। पार्किंग और सड़कों पर वाहनों के दबाव को भी सेंसर रीड करेंगे। यदि किसी पार्किंग की क्षमता एक हजार वाहनों की है और उसमें 950 वाहन खड़े हो चुके हैं तो सिस्टम कंट्रोल रूम को अलर्ट जारी कर देगा।
इसके अलावा चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए 1500 सीसीटीवी कैमरों की मदद ली जाएगी। कैमरों को कंट्रोल रूम से जोड़ने के लिए कुंभ पुलिस संचार विभाग की चार टीमें जुटी हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम कंट्रोल रूम को हर जानकारी देने के साथ मोबाइल पर अलर्ट आएगा। कुंभ में लाखों की संख्या में भीड़ उमड़ेगी और वाहनों का अत्यधिक दबाव होगा। भीड़ और यातायात संचालन सबसे बड़ी चुनौती होगी।
हरिद्वार कुंभ में पहली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम की मदद ली जाएगी। 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरों को इस अत्याधुनिक सिस्टम से जोड़े जाएंगे। जरूरत के हिसाब से लोकेशन बदली और पांच एप्लीकेशन फीड हो सकेंगे। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम से पहली बार श्रद्धालुओं की सटीक गिनती हो सकेगी। सेंसर हेड काउंट करेंगे। पार्किंग और सड़कों पर वाहनों के दबाव को भी सेंसर रीड करेंगे। यदि किसी पार्किंग की क्षमता एक हजार वाहनों की है और उसमें 950 वाहन खड़े हो चुके हैं तो सिस्टम कंट्रोल रूम को अलर्ट जारी कर देगा।