हरिद्वार में श्री पंचदशनाम जूना और अग्नि अखाड़ा की पेशवाई की तैयारियां शुरू हो गई हैं। पेशवाई चार मार्च को निकाली जाएगी। हाथी, रथों, घोड़ों के साथ भव्य यात्रा में उत्तराखंड के कुमाऊंनी और गढ़वाली संस्कृति की झलक दिखेगी। शोभायात्रा में देवभूमि के लोक वाद्य यंत्रों की गूंज रहेगी। सभी आचार्य महामंडलेश्वर और महामंडलेश्वर और संत कोविड से बचाव का संदेश भी देंगे। इसके लिए खुद मास्क पहनकर शोभायात्रा में शामिल होंगे। जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर वीरेंद्रानंद गिरि ने यह जानकारी दी। भूपतवाला स्थित सत्कर्म मिशन में पत्रकारों से बातचीत में महामंडलेश्वर वीरेंद्रानंद गिरि ने कहा कि धर्मध्वजा स्थापना और पेशवाई की तिथियां घोषित हो गई हैं। जूना, अग्नि और आह्वान अखाड़ा की धर्मध्वजा तीन मार्च को स्थापित होगी। चार मार्च को सुबह 11 बजे जूना अखाड़े और अग्नि अखाड़े की पेशवाई कांगड़ी प्रेमगिरि आश्रम से निकलेगी, जबकि पांच मार्च को आह्वान अखाड़ा की पेशवाई निकाली जाएगी। उन्हाेंने कहा कि जूना और अग्नि अखाड़ा की पेशवाई भव्य होगी। इसमें हाथी, घोड़े और बैंड बाजों के अलावा देवभूमि की संस्कृति आकर्षण का केंद्र होगी। इसमें उत्तराखंड के ढोल, दमाऊं, रणसिंघा, हुड़का जैसे वाद्य यंत्रों की गूंज रहेगी। छोलिया नृत्य की टीमें शोभायात्रा की शान बनेंगी। यात्रा करीब छह बजे जूना अखाड़ा की छावनी में प्रवेश करेगी।